संतोष कुमार/वैशाली (बिहार)। राज्य (State) में वज्रपात से करीब आधा दर्जन लोगों की मौत की मीडिया में खबरें आई है। इस बीच एक घटना वज्रपात के कहर से जुड़ी वैशाली जिला के हद में सदर प्रखंड क्षेत्र में हुई जो काफी चौंकाने वाला कहा जा रहा है।
हालांकि प्रथम दृष्टया यह मामला वैज्ञानिक तरीके से तड़ित चालक से बचाव का उपाय नहीं कर पाने से भी जुड़ा हो सकता है। समाचार लिखे जाने तक किसी ग्रामीण या पीड़ित परिवार की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं हुई थी कि तड़ित चालक से जुड़ी सुरक्षा में कैसा इंतजाम मकान निर्माण के समय किया गया था।
मामला कुछ ऐसा हुआ है जो अचंभित करने वाला है।
एक तीन मंजिला मकान जो सदर प्रखंड क्षेत्र की पंचायत दयालपुर के वार्ड संख्या पांच से जुड़ा है। उसपर बीते दिन वज्रपात से एक छत पर बना भगवान महावीर जी का स्थल ब्लास्ट से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। हालांकि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन दहशत का माहौल सा जरूर बन गया। जिस घर पर वज्रपात का कहर बरपा काफी संख्या में महिला पुरुष सदस्य वहां रहते हैं।
बच्चे भी संभवतः होंगे। जब यह वज्रपात का ब्लास्ट हुआ। ग्रामीण इसे सौभाग्य मानते है कि किसी की जान नहीं गई। पीड़ित पक्ष से एक युवक संदीप कुमार ने जानकारी दी कि घर में रखे कई इलेक्ट्रॉनिक्स सामानों को भी नुक़सान पहुंचा है। परिवार के सदस्य घटना के बाद काफी चिंतित दिखे।
मालूम हो कि बीते कुछ दिनों पहले वज्रपात से ही लालगंज के रेपुरा में एक शिव मंदिर का गुंबज क्षतिग्रस्त हो गया था। कुछ अनुभवी लोगों का यह मानना है कि मानवीय क्रिया कलापों में लापरवाही ने प्रकृति को असंतुलन के दायरे में ला दिया है। अतिवृष्टि और वज्रपात का कहर इन्हीं असंतुलनों का दुष्परिणाम है। यह महज एक अनुमान भी हो सकता है।
ऐसे ग्रामीणों में घटना की चर्चा काफी है। स्थानीय रहिवासियों ने बताया कि दयालपुर में हुए वज्रपात के बाद घटनास्थल की तस्वीरें भी यह दर्शा रही है कि ब्लास्ट काफी जोरदार रहा होगा। चुकि जिस तरह से हनुमान जी के स्थल पर वज्रपात के कहर से इंटे छत पर बिखरी, वह काफी डरावना दृश्य रहा होगा।
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