श्रीराम कथा महोत्सव दिवस पर हनुमान जी की वीरता का बखान

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में चास के निकटवर्ती क्षेत्र बहादुरपुर स्थित उच्च विद्यालय परिसर में आयोजित श्रीराम कथा महोत्सव के अवसर पर 18 नवंबर की रात्रि प्रवचन के दौरान स्वामी हंसानंद गिरि जी महराज ने श्रीरामचरित मानस के कई मार्मिक प्रसंगों की व्याख्या की।

इस अवसर पर उन्होंने राम कथा प्रसंग के क्रम में श्रीराम के अनन्य भक्त वीर हनुमान जी की गाथा का बखान किया। उन्होंने अरण्य वन में आताताई रावण द्वारा माता सीता का हरण किए जाने के प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि एक अबला नारी द्वारा सुरक्षा की गुहार लगाए जाने पर पक्षीराज गिद्ध जटायु ने आखिरी दम तक रावण से युद्ध किया।

इस प्रसंग पर स्वामी जी ने आज के युवाओं को धिक्कारते हुए कहा कि आज संकट की घड़ी में बालाओं को बचाने के बजाय उसकी स्मिता लूटने को आमदा रहते हैं।

आगे प्रभु श्रीराम ने भीलनी सवरी की भक्ति भावना से मर्म को समझ उसे अपने धाम में शरण देते हैं, इसकी व्याख्या की गई। प्रभु श्रीराम की वानर राज सुग्रीव से मित्रता व दुष्ट प्रवृति के बाली के श्रीराम के हाथों मारे जाने की कथा को आगे बढ़ाते हुए माता सीता की खोज को लेकर सभी काफी चिंतित हुए तो बूढ़े रीछराज जामवंत ने एकांत में बैठे हनुमान जी को जगाया व सीता माता की खोज के लिए प्रेरित किया।

अपनी वीरता का प्रदर्शन करते हुए हनुमान जी ने विशाल समुद्र को लांघकर लंका में प्रवेश कर अपने लक्ष्य में सफलता हासिल किया। स्वामी हंसानंद ने मंच पर श्रीहानुमान जी की वीरता की न सिर्फ बखान किया अपितु आज के नौजवानों को यह नसीहत दिया कि बुजुर्गो की सलाह को मानने की जरूरत है, न कि दरकिनार करने की। इनकी सलाह व प्रमर्श में सफलताएं निहित है। वीर हनुमान जी की झांकी को खूब सराहा गया एवं श्रद्धालुओं द्वारा आरती उतारी गई।

 388 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *