कई पौराणिक मान्यताओं को स्वयं में समेटे है वैशाली का हाजीपुर
गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। पौराणिक मान्यता है कि मर्यादा पुरषोत्तम भगवान श्रीराम और लक्ष्मण दोनो भाई महर्षि विश्वामित्र के साथ जनकपुर सीता स्वंयम्बर में जाते हुए पवित्र गंडक नदी के कौनहारा घाट पर स्नान के बाद हरिपुर में विश्राम किया था। जिस स्थान पर श्रीराम ने विश्राम किया उस स्थान के रहिवासियों ने उस स्थान का नाम रामभद्र रखा, जो आज भी कायम है।
यहां से प्रस्थान के समय श्रीराम का जिस स्थान पर पद परा उस पद चिन्ह को लोग पूजने लगे। कालांतर में लोगो ने शिला पर राम के पदचिन्ह को मंदिर में स्थापित किया और चैत्र रामनवमी को राम जन्म दिवस के रूप में मनाने लगे। उस मंदिर का नाम राम चौड़ा या कालांतर में राम चउड़ा मंदिर हो गया, जो आज भी कायम है।
हरिपुर मन्दिरो का शहर रहा है। यहां नगर महादेव पतालेश्वर नाथ का पौराणिक मंदिर, नेपाल के राजा द्वारा निर्मित पौराणिक शिव मंदिर है। जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण 6ठी शताब्दी शुवा जिसे नेपाली छावनी के नाम से पुकारा जाता है, जो काष्ठ कला का उत्कृष्ठ नमूना है। जिसमे काष्ठ पर खजुराहो, ऐलोरा के समान आकृतियां उकेरी गई है। यह अब समाप्ति की ओर है। इसके अलावे सैकड़ो मठ और मन्दिर आज भी विराजमान हैं।
कालांतर में भारत में मुगलो के आगमन के बाद हरिपुर का नाम हाजीपुर हो गया। रख रखाव के अभाव में मंदिर सब ढहने लगे। मन्दिरो के पुजारी और महन्थो ने मंदिर की सम्पत्ति को बर्बाद कर दिया। बिहार हिन्दू धार्मिक न्यास परिषद के न्यासी औऱ अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल के कार्यकाल में हाजीपुर के मन्दिरो का पुनरुद्धार शुरू हुआ।
पतालेश्वर नाथ मंदिर आज नए कलेवर में अपनी प्रतिष्ठा बनाये हुए है। वर्ष 2013 में कुणाल के प्रयास से राम चौरा मंदिर के पुनरुद्धार के लिये स्थानीय न्यास का गठन किया और 15 लाख रुपये की लागत से नया भव्य 10 मंजिला बिहार का सबसे ऊंचा मंदिर की आधारशिला रखी, जो अभी भी निर्माणाधीन है।
इस मंदिर के पास अपनी 55 बीघा जमीन है, जिसमें आधे से ज्यादा भाग पर दबंगो ने कब्जा कर अपना मकान बना लिया है। इस अतिक्रमित भूमि को अभी तक खाली नही कराया जा सका है।
कुणाल के न्यास छोड़ने के बाद इन मंदिरों का विकास रुक सा गया है। गत 15 वर्षों से हाजीपुर से भाजपा के विधायक रहे पूर्व विधायक व् वर्तमान में उजियारपुर के सांसद नित्यानंद राय अब देश के गृह राज्य मंत्री हैं। वर्तमान विधायक अवधेश सिंह को कौनहारा घाट पर झाड़ू लगाने और मीडिया में फोटो छपवाने के अलावे हाजीपुर के विकास पर कोई ध्यान नही है।
यदि राम चौड़ा मंदिर को देश के रामायण सर्किट से जोड़ दिया जाए तो हाजीपुर का एक धार्मिक पर्यटक स्थल के रूप में विकास होगा। इसके लिये सभी हिन्दू संगठन और राजनेताओ की ओर से पहल की जरूरत है।
इस संबंध में 6 अगस्त को हिन्दू जागरण मंच के अध्यक्ष विनोद यादव ने बताया कि हरिपुर का धार्मिक महत्व पूरातन काल से मिलता है। यहां के कौनहारा घाट पर भगवान विष्णु अपने भक्त गजराज को ग्राह से बचाने के लिए स्वयं आये थे, जिसका विवरण भागवत पुराण में मिलता है।
294 total views, 1 views today