प्रशासनिक उदासीनता से हाजीपुर की सड़के गड्ढों में तब्दील

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर शहर में गत दो वर्ष से चल रही जल नल योजना और सीवरेज योजना की वजह से हाजीपुर कि सड़के नाले और गढ़ो में तब्दील हो गया है।

दूसरीओर नगर परिषद हाजीपुर के पदाधिकारियों और एनजीओ के बीच साथ गांठ की वजह से नगर की सफाई व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। बताया जाता है कि नगर परिषद का वार्ड क्रमांक 23 जिसमे हाजीपुर स्टेशन, पूर्वी अनवरपुर, गांधी आश्रम का मोहल्ला आता है जो हाजीपुर का ह्रदय स्थल भी है की सफाई व्यवस्था एकदम ध्वस्त है।

इस वार्ड पर एक ही परिवार का 50 वर्षो से कब्जा है। जब वोट धर्म के आधार पर ऊनका पक्का है तो अन्य से क्या मतलब। हर चुनाव में देखा जाता है कि वोटिंग से एक दिन पहले रात में मीटिंग में धर्म के नाम पर उनकी जीत के लिये वोट देने का फरमान आता है और जीत का डंका बजता है। फिर आम जनता को उनसे साक्षत्कार 5 वर्ष बाद ही होना है, यानी इस वार्ड की दुर्दशा के लिए यह कि जनता जिम्मेवार है। अन्य सामाजिक कार्यकर्ता भी इस पर आवाज नही उठाते।

गत एक वर्ष से हाजीपुर स्टेशन के शिवजी द्वार से नगर परिषद कार्यालय जाने वाली बाग दुल्हन सड़क गढ़े में तब्दील है। नाले की सफाई नही हुई है और नाले का पानी सड़को पर बहता है। नगर परिषद ने नगर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा एनजीओ को दे रखा है जो सफाई के नाम पर खाना पूर्ति करती रही है।

नाले की सफाई के लिये बाग दुल्हन के अधिवक्ता राजू यादव ने नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी को बीते 12 अक्टूबर को आवेदन दिया।इसी मोहल्ले के एक अन्य अधिवक्ता सिंह ने भी नगरपरिषद कार्यपालक पदाधिकारी को बीते 8 अक्टूबर को नाले की सफाई के लिये आवेदन दिया।

इस रोड से आने जाने वाले कई मोटरसाइकिल सवार नाली के पानी मे गिर चुके है। शहर में डेंगू का प्रकोप है लेकिन कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा अभी तक इस समस्या का निदान नही किया गया है।

हाजीपुर के सामाजिक कार्यकर्ता मुकेश रंजन ने उपरोक्त बाग दुल्हन रोड के नाले की सफाई और जन समस्याओं के निदान वास्ते अनमण्डल दंडाधिकारी के न्यायालय में विविध बाद अंदर धारा 133 दंड प्रक्रिया के तहत हाजीपुर नगर परिषद के सिटी मैनेजर और कार्यपालक पदाधिकारी के विरुद्ध मोकदमा दाखिल किया है, आदि।

जिसमे न्ययालय ने सिटी मैनेजर और कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद से कार्यवाही रिपोर्ट न्ययालय में 1 नवम्बर को दाखिल करने का निर्देश दिया है। अब देखना है कि अनुमण्डल पदाधिकारी के आदेश का अनुपालन होता है या नही।

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