बांद्रा में जीआरपी का जनजागृति अभियान

बिगड़ैल चालक नहीं सुधरे तो होगी जेल

मुश्ताक खान/ मुंबई। राजकीय रेल पुलिस (जीआरपी) द्वारा मुंबई के अलग-अलग रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधाओं और ऑटो रिक्शा , टैक्सी चालकों की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान की शुरूआत एक दिसंबर को कुर्ला के लोकमान्य तिलक टर्मिनल से हुए थी।

इसके बाद जीआरपी आयुक्त कैसर खालिद के मार्गदर्शन में बांद्रा रेलवे स्टेशन पर चलाया गया। इस अभियान में यातायात के कुल 16 नियमों को पालने करने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही जीआरपी के जवानों ने ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों को चेतावनी दी की नियमों का पालन नहीं करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मिली जानकारी के अनुसार जीआरपी के विशेष अभियान में आयुक्त कैसर खालिद के अलावा पुलिस उपायुक्त मनोज पाटिल, पुलिस उपायुक्त डॉ. संदीप भाजीभाकरे की टीम में कुल 6 पुलिस निरीक्षकों को जोड़ा गया। वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में API सुरेश भाले, कमलाकर मुकने, एकनाथ नाइक, गणेश कांबले, प्रवीण ऐवले, लहू सपकाल, सुनील केसरे , रवींद्र निकम, विक्रम लिंगले आदि ने बांद्रा टर्मिनस पर ऑटो रिक्शा , टैक्सी चालक व मालिकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया।

इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों को वर्दी पहनने व बैच लगाने की सलाह दी गई। इसके बाद अधिकारियों ने कहा की चालकों को लाइसेंस के साथ वाहनों के दस्तावेज भी रखना चाहिए। वाहनों को निर्धारित स्थान पर ही खड़ी करें, क्षमता से अधिक यात्रियों को न बैठाएं। निर्धारित मीटर से अधिक वसूली अपराध के दायरे में आता है।

यात्रियों को निकट या गंतव्य तक पहुंचाने से इंकार न करें। किराए को लेकर यात्रियों से बहस या झगड़ा करने के बजाय नजदीकी पुलिस स्टेशन का सहारा ले। रांग साईड ड्राइव न करें। लापरवाही और खतरनाक तरीके से वाहन न चलाएं, सीटबेल्ट का प्रयोग करें, यातायात में बाधित न बने। बता दें की कुल 16 विषयों पर जागरूकता अभियान चलाया गया।

बिना बीमा के अपनी कार न चलाएं और सबसे अहम वाहन चलाते समय मोबाइल फोन पर बात न करने व शराब या किसी तरह का नशा करके वाहन चलना गंभीर अपराध के दायरे में आता है।

गौरतलब है बिगड़ैल चालकों को सुधारने व यात्रियों को सुविधाजनक गंतव्य तक पहुंचाने के लिए जीआरपी द्वारा इस अभियान को चलाया जा रहा है। इसके बाद भी नहीं सुधरे तो वाहन चालकों पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत जुर्माना या मुकदमा भी चलाया जा सकता है।

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