प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। झारखंड मुक्ति मोर्चा गोमियां विधानसभा के प्रधान कार्यालय पेटरवार में पार्टी कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों, प्रबुद्ध लोगों, समाज सेवियों ने 19 फरवरी को ‘भाषा विवाद’ के समाप्त होने मामले पर क्षेत्र के पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद द्वारा लगातार गंभीरतापूर्वक पहल किए जाने को लेकर उनका भव्य स्वागत किया गया।
मौके पर बड़ी संख्या में उपस्थित गणमान्य रहिवासियों ने कहा कि पूर्व विधायक प्रसाद ने सूबे के बोकारो-धनबाद में भोजपुरी और मगही भाषा के लागू होने के खिलाफ पूरे क्षेत्र में फैल रहे जनाक्रोश से सरकार का ध्यान सही तौर पर आकृष्ट कराने में महती भूमिका निभाई है। चाहे पत्राचार हो।
मुख्यमंत्री (Chief minister) से मिलना हो या टेलीफोनिक संवाद हो। लगातार उन्होंने कथित फैसले को वापस लेने के लिए सरकार से पहल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अंततः इसका परिणाम भी सामने है। इससे हर्षित होकर लोगों ने पूर्व विधायक को अंग वस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर अपने संबोधन में पूर्व विधायक (MLA) ने कहा कि बोकारो और धनबाद जिले में क्षेत्रीय भाषा के रूप में भोजपुरी और मगही को चिन्हित करने के बाद से इसका व्यापक विरोध हो रहा था। इसे भाषाई व सांस्कृतिक अतिक्रमण की संज्ञा देकर लोग सड़कों पर आंदोलन पर उतर आए थे।
हमलोगों ने झारखंडी जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए फैसले को वापस लेने के लिए लगातार पहल की। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) के प्रति आभार प्रकट करते हुये कृत्यज्ञता व्यक्त की। साथ हीं कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अलग झारखंड की लड़ाई को लड़ कर मुकाम दिलाया है। झारखंड और झारखंडियों के हितों की रक्षा के लिए हम सदैव मुखर रहे हैं।
मौके पर झामुमो गोमियां प्रखंड अध्यक्ष सह 20 सूत्री अध्यक्ष लुदु मांझी, पेटरवार प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष मुकेश कुमार महतो, कसमार प्रखंड 20 सूत्री अध्यक्ष दिलीप हेंब्रम, जिला उपाध्यक्ष मनोहर मुर्मू, गर्री पंचायत के मुखिया सिकन्दर कपरदार, समाजसेवी अखिलेश्वर महतो, शक्ति महतो, प्रकाश कुमार महतो, शेरे आलम, मिथिलेश महराज, उदय बेदिया, हासिम अंसारी, कार्तिक मांझी, सुरेंद्र महतो, आदि।
कृष्ण महतो, गंगाधर महतो, श्यामदेव हेंब्रम, लक्ष्मन महतो, राजेन्द्र नायक, सौकत अंसारी, हसनुल अंसारी, कपिल कुमार महतो, मिथुन महतो, कुलदीप कुमार, मंटु महतो, अनूप सेठी, विमल सेठी, इरफान अहमद, तनील अहमद, शेखावत अंसारी, मिथिलेश महतो, आदि।
रामु महतो, रबिन्द्र महतो, डब्लू महतो, विनोद महतो, रवि महतो, द्वारिका महतो, कैलाश टुडू, रमेश महतो, जबुनाथ महतो, विशु महतो, मनोज महतो, तुलसी महतो, ललन सोनी, बुधन रजवार समेत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
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