धीरज शर्मा/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)। गिरिडीह तथा हजारीबाग जिला के सीमांकन पर बिष्णुगढ़ बगोदर एनएच मुख्य मार्ग के किनारे स्थित होटल अतिथि सत्कार में पूर्व सांसद सह आदिवासी सेंगेल अभियान के केन्द्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू का सेंगेल अभियान के जिलाध्यक्ष बाहाराम हाँसदा के नेतृत्व में आदिवासी परम्परा के अनुसार फूल माला पहनाकर एवं ढोल मांदर के साथ महिलाओं द्वारा नृत्य कर भव्य स्वागत किया गया।
इस अवसर पर केन्द्रीय अध्यक्ष मुर्मू ने प्रेस वार्ता कर बताया कि वे बीते 17 जनवरी से जमशेदपुर में मारंग बुरु बचाओ अभियान के तहत भारत यात्रा पर है। उन्होंने कहा कि गिरिडीह जिला के हद में पारसनाथ पहाड़ में आदिवासियों के ईश्वर मारंग बुरु का वास है।
आदिवासियों का पक्ष जाने बिना हमारे धार्मिक स्थल पारसनाथ पहाड़ को 18 जनवरी को झारखंड सरकार सहमति से जैन धर्मावलंबियों के तीर्थ स्थल के रूप में स्वीकार कर एकाधिकार दे दिया गया। जिसका सेंगेल विरोध करता है। उन्होंने कहा कि सेंगेल दिशोम गुरु एवं ईसाई धर्मगुरुओं के खिलाफ भी विरोध का आंदोलन जारी रहेगा।
इन दोनो की अंधभक्ति से आदिवासी समुदाय के हासा, भाषा जाति, धर्म, रोजगार को काफी नुकसान पहुँचा है। उन्होंने कहा कि आगामी 30 जनवरी तक अगर सेंगेल की मांगे नही मानी जाती है, तो पांच प्रदेशो में फरवरी माह में किसी तारीख को रेल-रोड चक्का जाम किया जा सकता है।
मुर्मू ने कहा कि हमारा मारंग बुरु हमारे लिए अयोध्या से कमतर नही है। इसको किसी भी कीमत पर खोने नही देंगे। इस मौके पर मुख्य रूप से आदिवासी सेंगेल अभियान की केंद्रीय संयोजक सुमित्रा मुर्मू, झारखंड प्रदेश अध्यक्ष देवनारायण मुर्मू, हजारीबाग जिलाध्यक्ष बाहाराम हांसदा, बोकारो जोनल युवा अध्यक्ष विजय टुडु, आदि।
रामगढ़ महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष उलेश्वरी हेम्ब्रम, बाहाराम मरांडी, शिबू सोरेन, चुन्नू लाल सोरेन, शनिचर सोरेन, सोनू मुर्मू, महादेव मुर्मू, रेशमी देवी, खुशबू देवी समेत काफ़ी संख्या में सेंगेल अभियान के सदस्य एवं आमजन शामिल थे।
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