एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। आइसा, आरवाईए, एनएसयूआई, एसएफआई, डीवाईएफआई, छात्र-युवा राजद, युवा कांग्रेस, एआईएसएफ, एआईवाईएफ आदि महागठबंधन से जुड़े छात्र-युवा संगठनों द्वारा बीपीएससी का पुर्नपरीक्षा लेने, पेपर लीक पर रोक लगाने, पारदर्शी और कदाचारमुक्त प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित करने की ठोस नीति बनाने, पटना में छात्रों पर लाठीचार्ज के दोषियों पर कारवाई करने, छात्रों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने आदि मांगों को लेकर 6 जनवरी को समस्तीपुर स्टेडियम गोलंबर से प्रतिरोध मार्च निकाला।
जोरदार नारा लगाते मार्च ओवरब्रीज चौराहा पहुंचकर सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता 7 सदस्यीय अध्यक्ष मण्डल आइसा जिलाध्यक्ष लोकेश राज, एसएफआई जिला सचिव छोटू भारद्वाज, युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष रितेश चौधरी, युवा राजद जिलाध्यक्ष पप्पू यादव, आरवाईए जिला सचिव रौशन कुमार, डीवाईएफआई जिला सचिव उमेश शर्मा, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष अभिनव अंशु, एआईएसएफ के अभिषेक आनंद ने की।
संचालन आइसा जिला सचिव सुनील कुमार, एनएसयूआई जिला उपाध्यक्ष राजन वर्मा, सीआरजेडी के रौशन कुमार, सूरज पाठक ने किया। सभा को संबोधित करते हुए युवा नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री आवास के घेराव के आह्वान पर राजधानी पटना के डाकबंगला चौराहे पर हाल ही में हुए ऐतिहासिक प्रदर्शन के दौरान छात्रों और युवाओं ने बिहार सरकार की तानाशाही और भ्रष्ट नीतियों के खिलाफ अपना आक्रोश जाहिर किया था।
लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार छात्रों से बात करने के लिए तैयार नहीं है। इससे साफ जाहिर होता है कि बीपीएससी परीक्षाओं में धांधली, पेपर लीक और परीक्षा माफिया तंत्र सरकार की शह पर फल-फूल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश और केंद्र में मोदी सरकार छात्रों की मांगों को सुनने और उन पर कारवाई करने के बजाये अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त है।
संगठनों ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार की चुप्पी इस बात का प्रमाण है कि वह भ्रष्टाचार के दलदल में डूबी हुई है। मुख्यमंत्री खुद को सुशासन बाबू कहते हैं। अब भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं को छिपाने के लिए पुलिस का दमनकारी चेहरा सामने ला रहे हैं। छात्र प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और जेल में डालकर उनकी आवाज दबाने की कोशिश हो रही है।
संगठनों ने मोदी सरकार पर भी निशाना साधा। कहा गया कि केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया और “युवा शक्ति के खोखले नारे देकर बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा कर रही है। रोजगार के अवसर पैदा करने और भ्रष्टाचार खत्म करने के दावे केवल दिखावे तक सीमित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में हो रहे घोटालों और भ्रष्टाचार पर आंखें मूंदे हैं, क्योंकि वे राजनीतिक समीकरण साधने में लगे हैं।
सभा कोआइसा के उदय कुमार, विवेक, फैज, धीरज, दीपक यदुवंशी, एसएफआई के नवनीत यादव, राजकुमार, आशीष, सोनू, छात्र राजद के रणधीर, गौरव, फैज अकरम, राघवेंद्र कुमार, सुबोध कुमार, अनिल जागीर, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय संयोजक अबू तनवीर, महासचिव मुकेश चौधरी, अजय कुमार, चन्दन कुमार, प्रकाश चंद्र चौधरी, बबलू राय, अभिषेक कुमार, साहिल, हिमांशु, राकेश, विवेक, युवा राजद के जिला
उपाध्यकक्ष हेमंत कुमार, अरविंद राज, प्रदेश महासचिव सूरज दास, जगदीश चौपाल, पंकज दास, अनिल कुमार, अशोक कुमार, मो. बच्चू, भाकपा माले के सुरेंद्र प्रसाद सिंह आदि ने संबोधित किया। अंत में बीपीएससी मुद्दे का समाधान करने में विफल होने का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूतला फूंका गया।
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