नेताओं और पत्रकारों की जासूसी से सरकार की कमजोरी उजागर

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। देश के नेताओं के साथ-साथ पत्रकारों का भी जासूसी कर केंद्र सरकार (Central government) ने स्वंय को काफी कमजोर होने की पुष्टि कर दी है। यह आरोप झारखंड आंदोलनकारी एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य कार्य समिति के सदस्य इफ्तेखार महमूद ने लगाया है।

अपने आरोपों में महमूद ने कहा कि नेताओं के जासूसी के मामले पूर्व में भी आए हैं, किंतु पत्रकारों का भी जासूसी का मामला आजादी के बाद पहली बार सामने आया है। महामूद ने कहा कि केंद्र सरकार ने जासूसी से इनकार करके संदेह को और विश्वसनीय बना दिया है।

एक विदेशी व्यवसायी कंपनी, जो सिर्फ सरकार को पैसे पर जासूसी का सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराती है। वह भारत के पत्रकारों एवं विपक्ष के नेताओं का जासूसी सरकार के अनुमति के बगैर क्यों करेगी?

उन्होंने कहा कि उपर्युक्त जासूसी के मामले में केंद्र सरकार यदि निर्दोष है तो सरकार को ऐनोसो पेंगासस कंपनी की गतिविधियों की व्यापक जांच तुरंत शुरू करनी चाहिए।

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