शौचालय में लगे हैं ताला, शहर मे पॉलिथीन का उपयोग, नालिया जाम और जगह-जगह कचरे का अंबार
नंद कुमार सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में नगर परिषद फुसरो में जगह-जगह कचरों का अंबार लगा है। दर्जनों नालियां जाम है। यहां की सफाई अब भगवान भरोसे ही रह गया है। संसाधनों की कमी का रोना अभी भी जारी है। इन सबका खामियाजा आम जनमानस को उठाना पड़ रहा है।
फुसरो नगर परिषद क्षेत्र के मुख्य शहर में दर्जनभर शौचालय बना। लगा स्वच्छता अभियान को बल मिलेगा। रहिवासियों को खुले में शौच से मुक्ति मिलेगी। पर ये क्या? फुसरो शहर के शौचालयों के बाहर तो बड़ा ताला लटका दिया गया है। ताला मानों नो इंट्री का सिग्नल दे रहा हो।
यहां तक की अध्यक्ष के एक नंबर वार्ड में भी एकदम शानदार शौचालय बना है। किसी के यूज करने के लिए नहीं। दिखाने के लिए कि देखिए दर्शन कीजिए। शौचालय में ताला बंद होने के कारण गंदगी फैल रही है। हल्का होने के लिए खुले में हीं जाना पड़ रहा है। पूरा नप ही ओडिएफ कब का घोषित हो चुका है। सच्चाई यहां की कुछ और ही बंया करती है। बहुत दिन हो गया अब तो ताला खुलवा दीजिए।
ऐसा नहीं कि यह केवल अध्यक्ष के वार्ड का हाल है। ये ताले आपको नप के लगभग सभी वार्ड में बने शौचालय में देखने को मिल जाएगा।
बेरमो कोयलांचल के फुसरो शहर में झारखड सरकार के निर्देश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। नप अध्यक्ष व उपाध्यक्ष की नींद अभी तक खुली नहीं है। खुलेआम पालीथिन का उपयोग किया जा रहा है।
पूरे बेरमो कोयलांचल सहित फुसरो शहर की अधिकतर दुकानों व सब्जी मंडियों में पालीथिन के थैले में सामान ग्राहकों को दिए जा रहे हैं। ग्राहक भी बेखौफ अपने हाथों में पालीथिन के थैले में सामान टांगे घूम रहे हैं। पालीथिन के अंधाधुंध उपयोग के कारण पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है।
कचरे में फेंके गए पालीथिन से पशुओं की जान भी जा रही है। जागरूकता एवं प्रशासन की कड़ाई के अभाव में पालीथिन का उपयोग यहां बंद नहीं हो पा रहा है। दुकानों में धड़ल्ले से पालीथिन में ही सामग्री बेची जा रही है। धन्य है यहां की जनता और जन प्रतिनिधि। इनके हठधर्मिता को सलाम।
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