शत-प्रतिशत बजट राशि खर्च करने पर मंथन करे सरकार-विजय शंकर नायक

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। राज्य की बजट पर आम जनता का सुझाव ले, यह अच्छी बात है। मग़र बजट की राशि शत प्रतिशत खर्च करना बड़ी बात है। बजट की निर्धारित राशि पूर्ण रूप से कैसे खर्च हो इस पर सरकार मन्थन करे।

उपरोक्त बातें 7 जनवरी को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने ने कही। नायक ने झारखंड सरकार के आम जनता से बजट के लिए सुझाव आमंत्रित करने हेतु पोर्टल व मोबाइल एप मुख्यमंत्री द्वारा लांच करने पर कही।

उन्होंने कहा कि जनता से सुझाव लेना अच्छी बात है, मगर जन सुझाव को ज्यादा से ज्यादा बजट में सम्मलित करना बहुत महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में सरकार को जनता की ओर से कुल 721 सुझाव प्राप्त हुए थे, जिसमे मात्र 21 सुझाव को ही बजट में शामिल किया गया था जो सराहनीय नहीं है।

आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष नायक ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के द्वारा बजट की निर्धारित राशि को खर्च नहीं कर केंद्र सरकार को सरेंडर करने की नीति जो अब झारखंड की परम्परा बन गई है। वर्तमान हेमंत सरकार भी उसी नीति पर चलने का कार्य कर रही है, जिससे राज्य का सर्वांगीण चहूँमुखी विकास नहीं हो पा रहा है। यह राज्य की जनता के लिए सबसे दु:खद पहलू है।

उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से इस निति और परम्परा से हटकर कार्य करने का सलाह देते हुए कहा कि वे ऐसा कार्य संस्कृति डेवलप करें जिसमे शत प्रतिशत बजट की राशि खर्च हो। इसके लिए सभी विभागों के प्रधान सचिवों को स्पष्ट निर्देश जारी करे, कि अगर कंडकित बजट की राशि पूर्ण रुप से खर्च नहीं किये जायेंगे तो उन विभागों के सचिवों पर विभागीय कार्रवाई कर उन्हे संटिंग पोस्ट पर पदस्थापित किया जायेगा। तब ही पुरानी बजट की राशि नहीं खर्च करने की भाजपा की परम्परा को समाप्त किये जा सकेंगे।

नायक ने यह भी कहा कि जल्द ही आगामी 17 जनवरी से पूर्व आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच की ओर से उन्हे बजट में शामिल करने के लिए राज्यहित के लिए सुझाव भेजा जायेगा। साथ हीं उनसे अनुरोध भी किया जायेगा कि मंच के सुझावों को ज्यादा से ज्यादा सम्मलित करने का कार्य किया जाए, ताकि राज्य का चहुँमुखी समग्र विकास हो सके।

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