सरकार मृत आदिवासी छात्र के परिजन को पचास लाख व् स्थायी नियुक्ति दे-विजय

एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड बचाओ मोर्चा के केंद्रीय संयोजक पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने रांची विश्वविद्यालय के सेंट्रल लाइब्रेरी की बिल्डिंग का एक बड़ा हिस्सा टूट कर गिरने से अध्ययन करने पहुंचे आदिवासी छात्र मंतोष कुमार बेदिया की असमय मलबे में दब कर मौत पर गहरा शोक प्रकट किया है।

मोर्चा नेता नायक ने राज्य के राज्यपाल एवं रांची विश्वविद्यालय के कुलपति से छात्र हित में मांग किया है कि वह मृतक मंतोष कुमार बेदीया के परिजन को मुआवजा के रूप में ₹50,00000 (पचास लाख रुपए) दें। साथ हीं मृतक के आश्रित परिवार को योग्यता के अनुसार तुरंत स्थायी नौकरी दिया जाए अन्यथा झारखंड बचाओ मोर्चा सड़क पर आंदोलन करने का काम करेगा।

नायक ने कहा कि यह दुर्भाग्य का विषय है कि रांची विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचना चरमरा गई है। भवन जर्जर हो चुकी है। स्थिति भयावह है कि आज बच्चे पढ़ने जा रहे हैं तो वहां दब कर मरने का काम कर रहे हैं, जो रांची विश्वविद्यालय के कुलपति के लिए शर्म का विषय है। नायक ने यह भी कहा कि रांची विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने ₹400000 (चार लाख) मुआवजा की घोषणा की जो नाकाफी है।

इसके अलावा आश्रित को अनुबंध पर नियुक्ति की घोषणा की है, जो मान्य नहीं है। अगर मुआवजा देना ही हो तो एक किस्त में ₹5000000 (पचास लाख) और नौकरी देना ही हो तो स्थाई रूप से योग्यता के अनुसार नियुक्त किया जाना चाहिए तभी यह कलंक और पाप रांची विश्वविद्यालय के माथे पर से हट पाएगा।

उन्होंने यह भी मांग किया कि इसके लिए जो भी दोषी हैं उनको अविलम्ब कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। कहा कि सेंट्रल लाइब्रेरी एवं जो अन्य भवन जर्जर हैं उनकी अविलंब मरम्मत की जानी चाहिए, ताकि ऐसी घटना की पुनरावृति पुनः कभी ना हो सके।

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