रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिले में मुखिया, रोजगार सेवक तथा पंचायत सेवको के हड़ताल पर चले जाने के कारण सरकार आपके द्वार कार्यक्रम काफी फीका रह रहा है। जो रौनक बीते वर्ष सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में रहा, वह रौनक देखने को नहीं मिल रहा है।
जानकारी के अनुसार पंचायत के ग्रामीण भी मुखिया के हड़ताल में चले जाने के कारण सोंच पाले है कि मुखिया नहीं है तो कोई काम नहीं होगा। बात कुछ हद तक सही भी है। पंचायत स्तर पर मुखिया का होना जरूरी था, लेकिन हड़ताल में चले जाने के कारण सरकार की जो सोंच रहा कि जरूरतमंद रहिवासियों से संपर्क कर अधिकारियों के माध्यम से उक्त कार्यक्रम को सफल बनाया जाये। लेकिन वह सोच सरकार का कहीं से भी सफल होता नहीं दिख रहा है।
ध्यान देने योग्य है कि जितना पंचायत में मुखिया, रोजगार सेवक और पंचायत सेवक जानते हैं कि किसे क्या समस्या है। समस्या को मुखिया हीं बेहतर जानते हैं। जिसका सही निदान होता। जिले व् प्रखंड के अधिकारी नहीं जान पाएंगे। हेमंत सरकार को चाहिए कि पहले मुखिया, रोजगार सेवक और पंचायत सेवक का जो हड़ताल में है उनकी मांगों को पूरा कर देना चाहिए था।
उसके बाद सरकार आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित करनी चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस पर अमल नहीं करते हुए मुखिया, पंचायत सेवक व् रोजगार सेवको की मांगों को दरकिनार करते हुए सरकार आपके द्वार कार्यक्रम आयोजित की।
पंचायत स्तर पर रहिवासी भी मुखिया के समर्थन में उपस्थिति दर्ज नहीं कर पाए। पंचायत में जिसके चलते सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में रुझान कम दिखा। अभी भी समय है। अगले 10 दिन का समय है। सरकार आपके द्वार कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री को हड़ताल किए मुखिया, पंचायत सेवक और रोजगार सेवक की मांग पर गंभीरता दिखाए।
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