रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड के दुर्गापुर पंचायत में लाखों रुपये की लागत से बना उप स्वास्थ्य केंद्र अब भूतों का डेरा और दिन में मवेशियों का अड्डा बन चुका है।
ज्ञात हो कि, झारखंड सरकार के निर्देशानुसार ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए इस केंद्र का निर्माण कराया गया था, लेकिन आज तक स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसे चालू नहीं किया गया।
इलाज के लिए ग्रामीणों को जाना पड़ता है दूर
जानकारी के अनुसार कसमार प्रखंड के हद में दुर्गापुर पंचायत के गरीब ग्रामीणों को मामूली इलाज के लिए भी 10-12 किलोमीटर दूर बोकारो अथवा सौ किलोमीटर दुर रांची जाना पड़ता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने कई बार उपायुक्त बोकारो से शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
संवेदक ने अधूरे काम छोड़ दिया, विभाग मौन
ग्रामीण रहिवासियों का कहना है कि संवेदक अधूरे कार्यों को छोड़कर चला गया और स्वास्थ्य विभाग ने इसे हैंडओवर लेने के बावजूद इसे चालू करने की दिशा में कोई पहल नहीं की। पंचायत के मुखिया अमरेश कुमार महतो ने मांग की है कि इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और अस्पताल को जल्द चालू किया जाए, ताकि ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए दूर न जाना पड़े।
सरकार की मंशा पर सवाल
झारखंड सरकार का उद्देश्य हर गांव में स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना था, लेकिन दुर्गापुर में हालात इसके बिल्कुल उलट हैं। लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद ग्रामीणों का बेहतर स्वास्थ्य सेवा पाने का सपना अधूरा ही रह गया है।
58 total views, 2 views today