एस. पी. सक्सेना/रांची (झारखंड)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की जांच अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) को सौंपना सराहनीय कदम है, जिसका स्वागत किया जाना चाहिए।
उपरोक्त बाते 14 दिसंबर को आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह पूर्व विधायक प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने कही। नायक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा में हुई गड़बड़ियों की जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपे जाने पर अपनी प्रतिक्रिया में कही। उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन का सराहनीय कदम है जिसका मंच स्वागत करता है और आशा व्यक्त करता है कि कार्मिक एवं प्रशासनिक विभाग मुख्यमंत्री के निर्देशो का पालन सख्ती से करेगा और शिकायतों को गंभीरता से लेकर हर पहलु और हरेक बिन्दु पर जांच करेगी।
नायक ने कहा कि जब तक जांच पुरी नही होती तब तक जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा के परिणामो को स्थगित किया जाए और नियुक्ति की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं किया जाए । उन्होंने कहा कि जांच की समय सीमा भी तय हो और जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट देने की अनिवार्यता हो, ताकि बेरोजगार अभ्यर्थियों का समय बेकार ना हो। जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा प्रकरण का पटाक्षेप होकर सबको न्याय मिल सके।
नायक ने यह भी कहा कि पेपर लिक होने की घटना को रोकने की दिशा मे झारखंड सरकार एक मजबूत रणनीति बनाकर उस पर कार्य करे, ताकि झारखंड मे बराबर लग रहे पेपर लिक कलंक को धोया जा सके और राज्य के युवा भयमुक्त होकर परीक्षा दे। मेघा का शोषण ना हो। गरीब से गरीब मेधावी अभ्यर्थी छात्र निष्कलंक परीक्षा देकर पास हो सके और विवाद रहित परीक्षा का संचालन हो सके।
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