गेट-वे ऑफ नार्थ बिहार बदहाल

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। महात्मा गांधी सेतु (Mahatma Gandhi Setu) से उत्तर बिहर को जानेवाली सभी यात्री और मालवाहक गाड़िया हाजीपुर शहर के जीरो माइल रामाशीष चौक से छपरा, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, चंपारण, नेपाल, समस्तीपुर, दरभंगा आदि स्थानों के लिये अलग अलग रास्ते को जाती है।

जिस वजह से वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित रामाशिष चौक स्थान को गेट-वे ऑफ नार्थ बिहार कहा जाता है। सरकारी उदासीनता के कारण आज यह पुरी तरह से बदहाल और अस्त-व्यस्त है।

इस व्यस्त चौराहे पर मनमाने ढंग से बस पडाव, लचर यातायात प्रबंधन, रास्ते पर ठेला और दुकान, टेम्पू वाले की वजह से अक्सरहां जाम की समस्या रहती आई है। पटना आने जाने वाले यात्री घंटो जाम में फंसे रह जाते हैं।

इस चौक पर जाम की समस्या पर पटना उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए वैशाली जिला प्रशासन (Vaishali district Administration) को जाम से मुक्ति दिलाने के लिये बस पड़ाव अन्यत्र ले जाने और यातायात व्यवस्था सुचारू ढंग से संचालन का आदेश दिया है।

गत एक सप्ताह से वैशाली प्रशासन एक्टिव हुआ। पहले जो यातायात पुलिस ट्रक वालो को रोक कर पैसे वसूलती नजर आ जाती थी, अब मुस्तैदी से ट्रैफिक व्यवस्था में लगी हुई है। किसी तरह का जैम अब नही लग रहा है। बावजूद इसके अब भी यहां अव्यवस्था बरकरार है। गंदगी का अंबार है।

जानकारी के अनुसार जिला प्रशासन की योजना बस पड़ाव को जधुआ टाल प्लाजा के पास तथा दिग्घी महुआ रोड मुहाना पर इसे ले जाने की तैयारी कर रही है। जिस वजह से आम लोगों को काफी परेशानी होगी।

जिले के सामाजिक कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता मुकेश रंजन ने 21 जनवरी को एक भेंट में बताया कि प्रशासन द्वारा जो भी स्थान बस पड़ाव के लिये तय किया जा रहा है, वह जनता के लिये परेशानी का कारण बनेगा। इन स्थानों की स्टेशन और शहर से अधिक दूरी है।

साथ ही इन स्थानों से शहर में आने जाने वाले सात बजे शाम के बाद राहजनी के शिकार होंगे। उन्होंने जिला प्रशासन से सभी यात्री बसो और टेम्पू का ठहराव यात्री के चढ़ने उतरने के लिये इस चौक पर रहने दिया जाने की मांग की है।

सिंह ने यह भी बताया कि सड़क से अतिक्रमणकारियों को हटा दिया जाय और यातायात पुलिस ईमानदारी से अपना काम करे, तो यहां जां की समस्या कभी नहीं आएगी।

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