देश के बुनियादी ढांचे को विश्व स्तरीय बनाना है-गडकरी

2025 से टोल टैक्स से होगी 1.4 लाख करोड़ की कमाई

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मुंबई में एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल इंजीनियर्स (एसीसीई) (Association of Consulting Civil Engineers) द्वारा आयोजित सम्मलेन में कहा कि हमें देश के बुनियादी ढांचे को विश्व स्तर पर ले जाना है।

उन्होंने कहा, मैंने 2024 के अंत से पहले, बिहार और उत्तर प्रदेश में भी, अमेरिका के सड़क बुनियादी ढांचे के मानकों तक भारतीय सड़क बुनियादी ढांचे को बनाने का फैसला किया है। एसीसीई से संबद्ध उद्योगों के सिविल इंजीनियरों और पेशेवरों के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री गडकरी ने कहा कि भारत में बुनियादी ढांचे में काफी संभावनाएं हैं। ‘भारतीय बुनियादी ढांचे में, सड़क निर्माण, नदी संपर्क, ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन, पार्किंग प्लाजा, सिंचाई, बसपोर्ट, रोपवे और केबल कार परियोजनाओं के लिए बड़ी संभावनाएं हैं’।

सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) की विभिन्न चल रही परियोजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि हम 2 लाख करोड़ रुपये के 26 ग्रीन एक्सप्रेस हाईवे और लॉजिस्टिक्स पार्क बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें गुणवत्ता से समझौता किए बिना लागत कम करने के लिए वैकल्पिक सामग्रियों का उपयोग करना चाहिए।

निर्माण में समय सबसे महत्वपूर्ण पहलू है, यह सबसे बड़ी संपत्ति है मंत्री ने सिविल इंजीनियरों की भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि यह रोजगार सृजन और विकास के लिए महत्वपूर्ण है।

केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा कि सीमेंट और अन्य कच्चे माल के विकल्प खोजने चाहिए। स्टील के स्थान पर ग्लास फाइबर स्टील का उपयोग किया जा सकता है। यदि प्रतिस्पर्धा है, तो लागत कम हो जाएगी और बन जाएगी तर्कसंगत।” उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम, कोयला और बायोमास, जैविक अपशिष्ट और सीवेज के पानी से हाइड्रोजन (Hydrogen) बनाया जा सकता है।

उन्होंने आगे कहा, ‘मेरा सपना है कि हरित हाइड्रोजन एक डॉलर प्रति किलो पर उपलब्ध हो, जिसका इस्तेमाल कोयले और पेट्रोलियम के बजाय विमानन, रेलवे, बस, ट्रक, रसायन और उर्वरक उद्योग में किया जा सके।

उन्होंने कहा कि NHAI-AAA-रेटेड है और इसकी आर्थिक व्यवहार्यता अच्छी है। ‘वर्तमान में हमारा टोल राजस्व 40,000 हजार करोड़ प्रति वर्ष है, जो 2024 के अंत या 2025 से 1.4 लाख करोड़ हो जायेगा। इसलिए, हमें पैसे की कोई समस्या नहीं है’।

उन्होंने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा, ‘मेरा सपना है कि मैं 12 घंटे में नागरिकों को नरीमन पॉइंट, मुंबई से दिल्ली ले जाऊं, अब हम नरीमन प्वाइंट को जोड़ने का काम कर रहे हैं।’

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