ताड़का,मारीच-सुबाहु बद्ध,अहिल्या उद्धार व् धनुष-यज्ञ प्रसंगों की व्याख्या
प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में चास महानगर अंतर्गत सोनाबाद पंचायत (Sonabad Panchayat) के बहादुरपुर स्थित कल्याणेश्वरी उच्च विद्यालय प्रांगण में शिव अग्रवाल के सौजन्य से आयोजित सप्त दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव के चतुर्थ दिवस 16 नवंबर की रात्रि कथा वाचक स्वामी हंसानन्द गिरि महराज ने अरण्य वन में ऋषि,आदि।
मुनियों की तपस्या व अनुष्ठानों में विघ्न उत्पन्न करने वाली राक्षसी ताड़का व मारीच,सुबाहु को मारने के लिए महामुनि विश्वामित्र द्वारा राजा दशरथ से उनके प्राणप्रिय राम-लक्ष्मण को मांगे जाने संबंधी मार्मिक प्रसंग का बेवाक विश्लेषण किया।
कथा वाचक ने बताया कि श्रीराम, लक्ष्मण द्वारा राक्षसी ताड़का सहित अन्य आतातायियों को मारने के उपरांत बीच मार्ग में गौतम मुनि के श्राप से पत्थर बनी अहिल्या का उद्धार सहित जनकपुर में धनुष-यज्ञ प्रसंग की प्रस्तुति से श्रोता दीर्घा में बैठे श्रद्धालु हर्षित हो उठे।
स्वामी जी ने दस हजार राजाओं द्वारा धनुष नही उठा पाने व प्रभु श्रीराम द्वारा धनुष को तोड़े जाने आदि प्रसंग की व्याख्या बड़ी सटीक ढंग से किया। शुरू से अंत तक श्रद्धालु कथा का श्रवण शांत मुद्रा में करते देखे गए।
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