ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत 5 फरवरी को बोकारो जिला के हद में तेनुघाट अनुमंडल प्रांगण में झारखंड राज्य चतुर्थवर्गीय सरकारी कर्मचारी संघ अनुमंडल शाखा बेरमो की एक अहम बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता संघ के उपाध्यक्ष जय प्रकाश झा ने की।
बैठक में उपस्थित साथियों ने कहा कि हम अपने वाजिब मांगों के लिए अनुमंडल, जिला एवं राज्य स्तर पर रोषपूर्ण धरना-प्रदर्शन एवं पत्राचार के माध्यम से जिला स्तरीय, राज्य स्तरीय पदाधिकारियों के साथ-साथ मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी मांगों को तबतक लगातार रखेंगे, जबतक यह पूरी नहीं हो जाती है।
बैठक में मुख्य रूप से उपस्थित झारखंड राज्य चतुर्थवर्गीय सरकारी कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री सपन कुमार कर्मकार ने कहा कि अविभाजित बिहार से अलग होकर झारखंड राज्य बनने के पश्चात् राज्य निर्माण हुए 22 वर्षों में भी राज्य के चतुर्थवर्गीय कर्मियों को पद प्रोन्नति की सुविधा प्रदान नहीं की जा सकी। बहुत सारे चतुर्थवर्गीय कर्मी कार्य क्षमता रहते हुए भी बगैर पद प्रोन्नति के रिटायर कर गये।
उन्होंने कहा कि बहुत से चतुर्थवर्गीय कर्मियों का उम्र सीमा भी पार कर रही है। पूरे राज्य में विभिन्न जिलों के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों द्वारा अपनी दयनीय स्थिति से मुख्यमंत्री के साथ-साथ विधान सभा सदस्यों को भी अपनी दयनीय स्थिति से अवगत कराते हुए मांग पत्र समर्पित करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
कर्मकार ने कहा कि अविभाजित बिहार के समय में चतुर्थवर्गीय कर्मियों को तृतीय वर्ग में प्रोन्नति की परिपाटी रही है, जो सेवा संहिता के नियमों के अनुकूल था। राज्य अलग होने के पश्चात् से इन नियमों की अनदेखी कर राज्य के चतुर्थवर्गीय कर्मियों को प्रोन्नति का लाभ से वंचित रखा गया है।
किसी सरकारी प्रतिष्ठान में कार्यरत पदाधिकारी, कर्मचारी के बीच प्रशासनिक कार्यालय हो या विकास से संबंधित कार्यालय सभी जगह चतुर्थवर्गीय कर्मी, अनुसेवक, चौकीदार, ड्रेसर, महिला कक्ष सेवक, पुरूष कक्ष सेवक आदि के पद पर कार्यरत हैं। सभी वर्गों में प्रोन्नति की श्रृंखला पाँच से सात स्तर पर विद्यमान है।
मात्र यह सबसे पिछडा चतुर्थवर्गीय कर्मी हैं, जिसको बिहार में 50 प्रतिशत पदों पर तृतीय वर्ग में प्रोन्नति का अधिकार दिया गया था। जहां हर वर्ष प्रोन्नति मिलती थी। परंतु झारखंड राज्य निर्माण का 22 वर्ष में भी चतुर्थवर्गीय कर्मियों को तृतीय वर्ग में प्रोन्नति नहीं हो सका।
उन्होंने कहा कि राज्य में दैनिक वेतन भोगी कर्मी, अनुबंध कर्मी, संविदा पर कार्यरत कर्मी में भी क्षोभ व्याप्त है। राज्य सरकार एवं राज्य के वरीय अधिकारियों की अनदेखी के कारण अल्प वेतन भोगी कर्मी सुविधा के लिए तरस रहे हैं।
कहा गया कि उच्च न्यायालय से जिले में दैनिक वेतन भोगी कर्मी, अनुबंध कर्मी, संविदा कर्मियों की सेवा स्थायी करने का आदेश दिये जाने के बावजूद इन्हें स्थायी नहीं किये जाने से इनके मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
कर्मकार द्वारा चतुर्थवर्गीय कर्मचारी से जुड़े सभी मांगों की पूर्ति अविलम्ब करने की माँग राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन से किया गया। साथ ही बैठक में उपस्थित साथियों से अपने स्थानीय एवं राज्य स्तर की माँगों को संकलित करने का आहवान किया गया।
बैठक को संघ के प्रदेश महामंत्री सपन कुमार कर्मकार, जिला सचिव प्रेम शंकर राम, अनुमंडल मंत्री देवराज पासवान, हेमलाल यादव, राम प्रसाद रजवार, मदन राम, गणेश दास, अनिल कुमार महतो, रमेश कुमार दास, कुलेश्वर रविदास, सुदर्शन यादव, विजय कुमार अम्बष्ट, स्वष्टी कुमार, पार्वती देवी, हरे राम प्रसाद, रमेश मरांडी आदि ने सम्बोधित किया।
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