बुजुर्गों कि सेवा में लीन मारू घर
मुश्ताक खान/मुंबई। लाइफ हैंड फाउंडेशन (Life Hand Foundation) के सदस्यों ने बोरीवली पश्चिम के मारू घर नामक संस्था के बुजुर्गों के साथ नव वर्ष (New year) का जश्न मनाया। इस अवसर पर फाउंडेशन की अध्यक्ष अरुणा नाभ, आदि।
डॉ. केरन, प्रो. रेणुका भानगढ़, परिन सोमानी आदि बुजुर्गों के लिए आटा, चावल और जरूरत की चीजें मुहैया कराई। इस मौके पर मारु घर के अध्यक्ष दिलीप अम्लानी और प्रीति बेन ने फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया।
कहते हैं कि संस्कार में कमी होने का नतीजा बुढ़ापे में भोगना पड़ता है, लेकिन अच्छे संस्कार देने वाले माता -पिता को भी इस दौर में मारू घर जैसे आश्रम में जीवन बिताने को मजबूर हैं। यह उन संतानों के लिए दुर्भाग्य की बात है, जिन्होंने अपनी खुशी के लिए बुढ़े माता पिता को आश्रमों के भरोसे छोड़ देते हैं।
बहरहाल नववर्ष की पूर्व संध्या लोग अपनी इच्छानुसार कोई मंदिर, मस्जिद और गुरूद्वारा व चर्च जाता है तो कोई नव वर्ष के आगमन पर मौज मस्ती में लीन हो जाता है।
लेकिन मुंबई की लाइव हैंड फाउंडेशन के सदस्यों ने नव वर्ष की पूर्व संध्या बोरीवली पश्चिम स्थित मारू घर नामक संस्था पहुंच गए, जहां बुजुर्ग महिला एवं पुरुष अपनी जिंदगी के आखिरी पड़ाव की लड़ाई लड़ रहे हैं। इनमें कई बुजुर्ग ऐसे भी हैं जिनकी संताने इन्हीं बुजुर्गों के आशिर्वाद से फल फूल रहे हैं।
गौरतलब है कि मारु घर नामक संस्था बुजुर्ग पुरुष और महिलाओं की सेवा के लिए जाना जाता है। यानी जिसका कोई नहीं उसके लिए मारु घर का दरवाजा खुला है। मारु घर नामक संस्था के कार्यो की वजह से चौतरफा तारीफ हो रही है। नव वर्ष के मौके पर दिलीप अम्लानी ने संस्था के कार्यों की जानकारी सभी को दी।
उन्होंने इशारों ही इशारों में कहा की मैं वृद्ध आश्रम (Old as home) चला रहा हुं लेकिन मैं कतई नहीं चाहता की कोई भी बुजुर्ग इस आश्रम में आए।
उन्होंने फाउंडेशन के स्दस्यों के साथ हुई बैठक में कहा की समाज में जागरूकता (Awareness in society) की आवश्यकता है, जिसे मैं अपने स्तर पर कर रहा हुं। और मैं मुंबईकरों से अपील करूंगा की जो लोग महज अपनी खुशी के लिए माता -पिता को छोड़ देते हैं उन्हें जागरूक करें।
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