बीएमएस देश का नंबर वन श्रमिक संगठन-रविंद्र मिश्रा
एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। भारतीय मजदूर संघ का 67वां स्थापना दिवस बोकारो जिला के हद में फुसरो नप के ढोरी खास स्थित सीसीएल सीकेएस कार्यालय में मनाया गया। इस अवसर पर संघ के पदाधिकारियों ने संगठन का ध्वज फहराया। मौके पर उपस्थित जनों ने श्रमिकों के हित में संघर्ष करने का संकल्प लिया। अध्यक्षता क्षेत्रीय अध्यक्ष कुलदीप और संचालन क्षेत्रीय सचिव विनय कुमार सिंह ने किया।
बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित भामसं से संबद्ध सीसीएल सीकेएस के केंद्रीय उपाध्यक्ष रविंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि 23 जुलाई 1955 को प्रसिद्ध श्रमिक नेता स्वर्गीय दत्तोपंत ठेंगड़ी के नेतृत्व में संघ की स्थापना मध्य प्रदेश के भोपाल में की गई थी। उस समय देश में चार प्रमुख केंद्रीय श्रमिक संगठन एटक, इंटक, एचएमएस, और यूटीयूसी का श्रमिक बहुल क्षेत्र में दबदबा था।
कोयला, इस्पात, बैंक, बीमा, रेल आदि सरकारी उपक्रम के क्षेत्रों में इन्हीं की तूती बोलती थी। ऐसे में भारतीय मजदूर संघ ने बिना किसी प्रवाह के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि वर्ष 1989 का दौर भारतीय मजदूर संघ के लिए अविस्मरणीय रहा। वर्ष 1955 से 1989 तक 34 वर्षों में ही सभी केंद्रीय श्रम संगठनों को पीछे छोड़ते हुए अपने काम के बल पर पहली बार भारतीय मजदूर संघ देश का नंबर एक श्रमिक संगठन बन गया।
मिश्रा ने कहा कि भामसं किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं रहने के बावजूद हमेशा स्वदेशी विचारधारा को अपनाया। साथ ही राष्ट्र, उद्योग और मजदूर हित को सर्वोपरि मानकर जो अपना सफर शुरू किया तो फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज यह संगठन शून्य से शिखर तक पहुंच चुका है।
उन्होंने बताया कि सत्यापन रिपोर्ट के अनुसार भारतीय मजदूर संघ 62,15,797 सदस्यों के साथ पहले स्थान पर, इंटक 39,54,012 सदस्यों के साथ दूसरे, एटक 34,42,239 के साथ तीसरे, एचएमएस 33,38,491 के साथ चौथे और सीटू 26,78,473 सदस्यों के साथ पांचवें स्थान पर है।
यहां संघ के द्वारा सब्जी विक्रेताओं के बीच बरसात को देखते हुए छाता का वितरण किया गया। मौके पर भुनेश्वर यादव, वीरेंद्र गुप्ता, अरविंद ठाकुर, बुधन नोनिया, राजेश पासवान, हीरालाल रविदास, प्रमोद कुमार गौतम, नुनुचंद महतो, फूलचंद किस्कू, जमुना नोनिया, गब्बर सिंह, भादो बाउरी, प्रमोद सिंह, सोमनाथ मिश्रा, प्रशांत मिश्रा आदि उपस्थित थे।
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