प्रहरी संवाददाता/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा के पूर्व प्राचार्य डॉ मनोज का 13 मार्च की संध्या अचानक हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। वे 61 वर्ष के थे। बीते वर्ष वे सेवानिवृत हुए थे। उनका निधन उनके निवास स्थान पटना में हो गया। उनके निधन की पुष्टि उनके पुत्र ने दूरभाष पर की है।
ज्ञात हो कि दिवंगत डॉ मनोज लगातार 22 महीनों से डीएवी गुवा मे सेवारत रहने के उपरांत पिछले वर्ष 2023 में सेवानिवृत हुए थे। पूर्व प्राचार्य स्व. डॉ मनोज ने शिक्षा प्रेमी के रूप में डीएवी गुवा, डीएवी कथारा, डीएवी कोडरमा एवं डीएवी अनपरा के उत्थान में अग्रणी भूमिका निभाई थी। बच्चों को बेहतर शिक्षा दे एवं उनके चरित्र निमार्ण को ही उन्होने अपने जीवन का आधार बनाया था।
सरल हृदय, उच्च शिक्षाविद व् शिक्षा प्रेमी स्व. डॉ मनोज बिहार के वैशाली जिला के रोहना के रहने वाले थे। स्व. हरिद्वार पांडेय के सुपुत्र स्व. डॉ मनोज ने जूलॉजी (ऑनर्स) गया कॉलेज गया से की थी। तत्पश्चात स्नातक व एमएससी, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ़ जूलॉजी विभाग से गया से की थी। मगध विश्वविद्यालय से 1983- 1985 में प्रथम श्रेणी से उतीर्ण किया। वर्ष 1984 में जंतु विज्ञान में प्रतिष्ठा, गया कॉलेज गया से की थी।
पीएचडी की उपाधि एसआरएफ, सीनियर रिसर्च फेलो (स्कॉलर) डीएसटी मे 1992 में डायनेमिक ऑफ प्रोटीन कंटेंट एवं कॅलोरिफिक वैल्यू एंड इट्स कैलोरिफिक वैल्यू ऑन थिलापिया मोसैम्बिका पीर्ट्स 1991 में लिखी थेसिस पर उन्हे मिली थी। वर्ष 1988 से 1996 तक बतौर व्याख्याता अंगीभूत महाविद्यालय में सेवारत रहे थे।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी स्व. डॉ मनोज कुमार ने वर्ष 1997 में बतौर पीजीटी डीएवी संस्था के अनपरा (उप्र) में संत स्व. नारायण दास ग्रोवर के प्रेरणा से प्रेरित होकर योगदान दिया था। अगस्त 2000 में डीएवी झुमरी तिलैया (कोडरमा) में बतौर सुपरवाइजरी हेड डीएवी द्वारा प्रतिनियुक्त किए गए थे। एक जनवरी 2006 में स्व डॉ मनोज कुमार डीएवी कथारा के नए प्राचार्य बने।
समस्याओं के निराकरण एवं पश्चिम सिंहभूम जिले के महारत्न कंपनी सेल सम्बद्ध संचालित डीएवी गुवा मे उनका स्थानांतरण किया गया था। उनके यहां पदभार ग्रहण करने के साथ ही डीएवी गुवा का चहुंमुखी विकास संभव हो पाया था।
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