एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में स्थित महाकुंभ में 22 फरवरी को लोक पंच की प्रस्तुति जैविक खेती पर आधारित नाटक कातिल खेत का मंचन किया गया। उक्त जानकारी उक्त नाटक के प्रमुख कलाकार व् कलाकार साझा संघ के सचिव मनीष महीवाल ने दी।
महीवाल ने बताया कि प्रयागराज के झूसी में लोक पंच की प्रस्तुति जैविक खेती पर आधारित नाटक कातिल खेत का मंचन किया गया, जिसे महाकुंभ में आए हजारों श्रद्धालुओं ने देखा। उन्होंने बताया कि नाटक कातिल खेत का कथासार खेती और किसान पर लालच के कारण आए संकट को बड़ी ही खूबसूरती के साथ लिखा गया है। ज्यादा और बेहतर फसल की चाहत में आज देश भर में किसान रासायनिक खादों और कीटनाशक का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।
रसायनिक खाद खेतों को बंजर बना रही है, तो कीटनाशक अनाज को जहरीला। इनके प्रयोग ने खेती किसानी को महँगा बना दिया है। नतीजन आज किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। रासायनिक खादों के बढ़ते प्रयोग और किसान से लेकर धरती को होने वाले नुकसान को इस नाटक में दिखाया गया। उक्त नाटक द्वारा यह बताया गया कि किस तरह पारंपरिक तरीके से हजारों वर्ष से खेती करने वाला किसान खुशहाल था, लेकिन लालच में आकर जबसे उसने आधुनिकता के नाम पर रासायनिक खादों का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया, तब से खेती नुकसान का सौदा बन गई।
आज इनके प्रयोग से जैव विविधता पर संकट आ गया और कई बीमारियों का कारण यह खाद और कीटनाशक बन रहें है। कहा कि उक्त नाटक हास्य और व्यंग के जरिए इस विषयों पर प्रहार करती हैं। इस अवसर पर झूसी के गंगा किनारे लोक पंच के साथियों ने नुक्कड़ नाटक नाट्य शिक्षक की बहाली का भी मंचन किया और यह संदेश दिया कि बिहार के स्कूल और कॉलेज में नाट्य शिक्षक की बहाली की जाए।
प्रस्तुत नाटको में कलाकार मनीष महिवाल, सोनल कुमारी, अरविंद कुमार, कृष्ण देव, मनोज शुक्ला, राज कपूर, अजीत कुमार, अभिषेक राज, रोहित कुमार ने बेहतर अभिनय से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। जबकि मंच से परे संगीत अभिषेक राज, हारमोनियम रोहित चंद्र, नाल मनोज शुक्ला, खंजरी अभिषेक राज, प्रकाश राम प्रवेश, रूप सज्जा सोनल, वस्त्र विन्यास रितिका, मंच निर्माण रजनीश पांडेय, लेखक इश्तियाक अहमद तथा निर्देशक मनीष महिवाल है।
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