एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कला संस्कृति एवं युवा विभाग बिहार सरकार तथा बिहार संगीत नाटक अकादमी द्वारा बिहार की राजधानी पटना के भारतीय नृत्य कला मंदिर में नाटक का मंचन किया गया।
जानकारी देते हुए कलाकार साझा संघ सचिव मनीष महीवाल ने बताया कि भारतीय नृत्य कला मंदिर में लोक पंच द्वारा विश्व में प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करने पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्लास्टिक बना बीमारी का मंचन किया गया। बताया कि नाटक का कथासार के अनुसार एक गांव में कुछ रंगकर्मी पर्यावरण तथा साफ सफाई से संबंधित नुक्कड़ नाटक कर रहे है। तभी कुछ स्थानीय युवा उन्हें डांट- मारकर भगा देते हैं।
कुछ महीनों बाद कलाकारों को मारने वाले लड़कों में से एक की तबीयत बहुत खराब हो जाती है। उसे सांस लेने में बहुत तकलीफ होती हैं। डॉक्टर उस लड़के का इलाज करता है और यह बताता है कि प्रदूषण के कारण ऐसा हुआ है।
जब वह बीमार युवक कुछ स्वस्थ होता है तो अपने सारे मित्रों को बुलाता है और यह तय किया जाता है कि उस कलाकार को दोबारा अपने गांव में बुलाए, जो पर्यावरण के बारे में नाटक कर आमजनों को जागरूक करता है।
सभी ग्रामीण युवा कलाकार के पास पहुंचते हैं और समझाने- मनाने पर कलाकार तैयार हो जाता है। इसके बाद उनके गांव आकर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से ग्रामीण रहिवासियों को जागरूक किया जाता है। यह बताया जाता है कि पर्यावरण हमारे लिए कितना जरूरी है। तब जाकर गांव के रहिवासी पर्यावरण के महत्व समझते हैं और गांव को स्वच्छ और साफ बनाने में जुट जाते हैं।
प्रस्तुत नाटक के प्रमुख पात्र कलाकार में मनीष महिवाल, रजनीश पांडेय, अभिषेक राज, अजीत कुमार, विवेक ओझा, ममता सिंह, बासु, जतिन, रोहित, आरती शामिल है। नाटक के लेखक नीरज शुक्ला, संगीत अभिषेक राज, प्रस्तुति नियंत्रक राम प्रवेश तथा निर्देशक रजनीश पांडेय है।
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