महिला और बाल विकास निगम द्वारा फिल्म महोत्सव कस आयोजन
अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला के हद में हरिहरक्षेत्र सोनपुर मेला में बिहार सरकार के महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा महिलाओं एवं किशोरियों के लिए फिल्म महोत्सव का आयोजन किया गया है। उक्त फिल्म महोत्सव में महिलाओं और किशोरियों के लिए प्रवेश निःशुल्क है, जिसकी वजह से दर्शकों की भीड़ उमड़ रही है।
जानकारी के अनुसार हरिहर क्षेत्र मेला के पुराने गंडक पुल के निकट गज ग्राह चौक के पास संगत ग्रैंड गार्डेन और बैंक्वेट में फिल्म महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में महिलाओं और किशोरियों द्वारा इस महोत्सव को देखा जा रहा है।
फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित फिल्मों के माध्यम से महिलाओं एवं किशोरियों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के साथ साथ यह भी संदेश दिया जा रहा है कि वे जीवन में आने वाली विविध कठिनाइयों से किस तरह से बचाव कर सकती हैं। फिल्म महोत्सव हॉल के भीतरी दीवारों पर जागरूकता श्लोगन भी महिलाओं और किशोरियों को जागरुक कर रही है।
समाज में सुधार लायेंगे, मिलकर बाल विवाह तथा दहेज प्रथा मिटाएंगे। महिलाओं और किशोरियों का साथी 181 जिसमें महिलाओं और किशोरियों को किसी भी फोन या मोबाईल से निःशुल्क 181 डायल करने का संदेश प्रसारित किया गया है। एक अन्य श्लोगन पढ़ाई करेंगे तो कुछ बन जाएंगे और ब्याह होगा जल्दी तो बंध जाएंगे भी मेला में घूमनेवाली किशोरियों को संदेश दे रहा है।
फिल्म महोत्सव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का भी एक संदेश श्लोगन आगे बढ़ रही बेटियां का उद्घोष प्रेरणादायक है।
माहवारी लड़कियों की बड़ी होने की कुदरती प्रक्रिया है। इससे झिझकने या शर्माने की जरूरत नहीं।
स्वस्थ मासिक संसाधनों का उपयोग करें। माहवारी के स्वच्छ प्रबंधन से बहुत सी बीमारियों से बचा जा सकता है। माहवारी के दौरान पौष्टिक आहार, व्यायाम और स्वच्छता का ख्याल रखें और स्वस्थ रखें का जागरूकता संदेश भी महिलाओं और किशोरियों को भा रही है।
इन फिल्मों का किया जा रहा महोत्सव में प्रदर्शन
इस आयोजन के स्थानीय संचालक ज्ञानेन्द्र सिंह टुनटुन ने 21 दिसंबर को जानकारी देते हुए बताया कि इस फिल्म महोत्सव में जिन फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है उसमें मणिकर्णिका, राजी मैरीकॉम, सांड की आंख आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि यहां प्रतिदिन दो फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है। पहला शो 12:15 बजे से 03:15 और दूसरा शो 03 से संध्या 06: 30 बजे तक चलता है।
दिखाए जा रहे सभी फिल्मों की खूबी यह है कि सभी महिला और उनसे संबंधित विषयों पर आधारित हैं। सभी फिल्मों की केंद्रीय भूमिका में महिलाएं और किशोरियों को ही रखा गया है। महोत्सव में किशोरियों से जुड़ी छोटी-छोटी डॉक्यूमेंट्री फिल्में, निगम की सामाजिक विषयों पर आधारित बाल विवाह, दहेज़ प्रथा, महिला हिंसा जैसे मुद्दों पर बनी छोटी छोटी फिल्में भी दिखाई जा रही हैं।
महिला और बाल विकास विभाग की प्रदर्शनी भी बना आकर्षण का केंद्र
मेला प्रदर्शनी एरिया में लगी महिला और बाल विकास विभाग की प्रदर्शनी भी मेला दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। प्रदर्शनी में धर्मेन्द्र सिंह (मुन्ना जी) बताते हैं कि प्रदर्शनी महिलाओं एवं किशोरियों को जागृति का संदेश दे रही है। यहां मिल रही जानकारी उनके हौसले को बढ़ा रही हैं। स्वास्थ्य के प्रति सजग और सावधानी बरतने की शिक्षा भी दे रही है।
विभाग से जुड़ी महिला उद्यमियों का भी स्टॉल लगाया गया है, जिसमें मधुबनी पेंटिंग, छाया चित्र दर्शक दिघी, द क्रॉफ्ट शो, हस्तकरघा वस्त्र उद्योग, खाद्य कुटीर उद्योग, पाषाण शिल्प, बेणु शिल्प, चर्म शिल्प सहित लगभग एक दर्जन स्टॉल शोभा बढ़ा रहे हैं। उनमें सबसे ज्यादा महिलाएं खरीददारी करती दिख रही हैं।
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