हाजीपुर लोकसभा सीट के लिए चिराग और शिवचंद्र राम के बीच जबरदस्त जंग

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। हाजीपुर संसदीय सुरक्षित क्षेत्र में आगामी 20 मई को मतदान है। इस बार चुनाव में एनडीए की ओर से लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान का मुकाबला महागठबंधन की ओर से राजद प्रत्याशी शिवचंद्र राम से है। चुनाव में दोनों प्रत्याशियों में जबरदस्त भिड़ंत के आसार है।

ज्ञात हो कि, हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में 19.53 लाख से ज्यादा मतदाता है। हाजीपुर संसदीय क्षेत्र में हाजीपुर, लालगंज, महुआ, राजापाकर, राघोपुर तथा महनार विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। सन 1977 के लोकसभा चुनाव में चिराग के दिवंगत पिता रामविलास पासवान ने यहां से रिकॉर्ड वोटों से जीतकर गिनीज बुक में नाम दर्ज कराया था।

वहीं गत 2019 के लोकसभा चुनाव में हाजीपुर से रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस ने राजद के उम्मीदवार शिवचंद्र राम को 2 लाख से अधिक मतों से हराकर यहां से सांसद चुने गए, लेकिन इस बार पशुपति पारस चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।

वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में रामविलास पासवान की इस कर्मभूमि से उनके पुत्र चिराग पासवान चुनावी मैदान में उतरे हैं। इस चुनाव में जहां पासवान को जाति के आधार पर वोट, भाजपा और जदयू के कैडर वोट और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर भरोसा है। वहीं राजद प्रत्याशी शिवचंद्र को अपने सामाजिक समीकरण से चुनावी वैतरणी पार करने का विश्वास है।

मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित करने में दोनों गठबंधनों के नेता भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में 21 प्रतिशत दलित आबादी है। हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के 19 लाख 53 हजार के करीब मतदाताओं में से अनुमानित तीन लाख पासवान, लगभग साढ़े तीन लाख यादव और मुस्लिम हैं।

उच्च जाति के राजपूतों और भूमिहारों की संख्या अढ़ाई लाख, लगभग 1.25 लाख कुशवाहा, 80 हजार रविदास समुदाय के सदस्य और 50,000 कुर्मी हैं। शेष पचपनिया वोटर है। यादव और मुस्लिम समुदाय के वोट तथा रविदास समुदाय के वोटर राजद उम्मीदवार शिवचंद्र के पक्ष में गोल बंद है। वहीं एनडीए प्रत्याशी चिराग के पक्ष में उनकी जाति के साथ ही स्वर्ण वोटर के साथ ही अन्य वोटरो के जाने की आशा है।

लेकिन राजद नेता तेजस्वी यादव ने एनडीए के वोटर भूमिहार और कुशवाहा को तोड़ने के लिए इस बार वैशाली से भूमिहार समाज से बाहुबली बिजय शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला को उम्मीदवार बनाया है, तो समस्तीपुर से कुशवाहा समुदाय के आलोक मेहता को उम्मीदवार बनाया। इसके अलावा मुजफ्फरपुर से महागठबंधन के उम्मीदवार अजय निषाद भी वैशाली जिले के हैं, जिस वजह से एनडीए के समर्थक वोटरों की टूटने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

इसके लिए चिराग पासवान नीतीश कुमार और बीजेपी वाले इस क्षेत्र में काफी मेहनत कर रहे हैं। ध्यान देने योग्य है कि बीते 13 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाजीपुर में चिराग के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रामविलास पासवान को याद किया।

उन्होंने रामविलास पासवान को सामाजिक न्याय का सच्चा साधक बताया और कहा कि दिवंगत की आत्मा को चिराग के सिर्फ जीतने भर से शांति नहीं मिलेगी, उनकी आत्मा को शांति तब मिलेगी जब उन्हें उनसे ज्यादा वोट मिलेंगे।

माना जाता है कि दोनों गठबंधन में शामिल दलों को अपने वोट बैंक और कैडर वोटों को अंतिम समय तक सहज कर रखना चुनौती है। हालांकि राजद प्रत्याशी शिवचंद्र राम के लिए राजद ने पूरा जोर लगाया है। मतदाताओं का रुझान अंतिम समय में किस ओर बदलेगा यह तो चुनाव परिणाम ही स्पष्ट करेगा।

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