नर्स के अभाव मे केंद्रीय अस्पताल ढोरी में महिला वार्ड बंद, पुरूष वार्ड में महिला मरीज शिफ्ट

नर्स मिलते ही महिला वार्ड की सेवा चालू कर दिया जायेगा-सीएमओ

मामले को लेकर यूनियन नेताओ ने अस्पताल प्रबंधन से की वार्ता

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में सीसीएल के केंद्रीय अस्पताल ढोरी में अब महिला मरीजों को महिला वार्ड की सुविधा नहीं मिल पायेगी। अस्पताल प्रबंधन ने नर्स के अभाव में महिला व शिशु वार्ड को बंद कर दिया है। जिसके कारण महिला मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

अस्पताल प्रबंधन फिलहाल लगभग आधा दर्जन महिला मरीजों को पुरुष वार्ड में ही शिफ्ट कर चिकित्सा सुविधा मुहैया करा रही है। जबकि शिशु वार्ड को पुरुष वार्ड स्थित आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। यहां पुरुषों के बीच महिलाएं खुद को असहज महसूस रही है। महिला वार्ड बंद होने से पुरुष वार्ड में लोड अत्यधिक बढ़ गया है। ऐसे में अस्पताल प्रबंधन अत्याधिक बीमार मरीजों को ही एडमिट ले रही है। सामान्य बीमारी से ग्रसित मरीजों को वापस कर दिया जा रहा है।

जानकारी के अनुसार केंद्रीय अस्पताल ढोरी के महिला वार्ड को बंद किये जाने के बाद कई महिला मरीजों को नित्यकर्म का कार्य बिस्तर पर ही करना पड़ रहा है। इसके बावजूद वे पुरुष वार्ड में अपना इलाज करवाने को विवश हैं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन महिला और पुरुष मरीजों के बीच पर्दा लगा दिया है।

मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में हर दिन लगभग 250 से 300 मरीजों का उपचार किया जाता है। जिसमें प्रत्येक दिन आठ से दस महिला-पुरुष मरीज एडमिट होते हैं। इसे लेकर 17 मार्च को जनता मजदूर संघ (जमसं) नेता विकास कुमार सिंह और ओम शंकर सिंह, सीएमयू नेता राजू भूखिया ने केन्द्रीय अस्पताल ढोरी के सीएमओ डॉ अरविंद कुमार सिंह से एक ही वार्ड मे महिला-पुरूष की भर्ती सहित अन्य समस्याओं पर चर्चा की।

कहा गया कि केंद्रीय अस्पताल होने के बावजूद यहां नर्स की कमी है। चार मरीज पर एक नर्स चाहिए, लेकिन यहां बीस-पच्चीस मरीज पर एक नर्स है। इससे यहां नर्सों को काफी परेशानी होती है। कहा गया कि केंद्रीय अस्पताल ढोरी में मरीजों को मिलने वाली सुविधा व संसाधन का घोर अभाव है।

यहां मेडिसिन, अल्ट्रासाउंड, डिजिटल एक्सरे, आईसीयू, ब्लड बैंक, प्रसूति सुविधा आदि की व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा है। यहां ज्यादातर केस को रेफर कर दिया जाता है।

मजदूर नेताओ ने कहा कि यहां की सभी मांगों को लेकर सीसीएल मुख्यालय और एरिया प्रबंधन पर दबाव बनाकर जल्द समाधान किया जाएगा।

ज्ञात हो कि, केंद्रीय अस्पताल ढोरी को पांच नर्स के भरोसे संचालित किया जा रहा है। ऐसे में मरीजों को पूर्ण रूप से चिकित्सा सुविधा मुहैया नहीं हो पा रहा है। तीन शिफ्ट में दो वार्ड की जिम्मेदारी पांच नर्स के भरोसे निर्भर थी। जो पूरा नहीं हो पा रहा था। जिसके कारण अस्पताल प्रबंधन ने यह कदम उठाया है। केंद्रीय अस्पताल होने पर भी समुचित इलाज व सुविधा का अभाव है।

विदित हो कि 80 के दशक में सीसीएल ढोरी एरिया का रीजनल अस्पताल बनकर तैयार हुआ था। बीते 22 अगस्त 2012 को रीजनल अस्पताल ढोरी को केंद्रीय अस्पताल का दर्जा मिला। सीसीएल के तीन कोयला क्षेत्र (ढोरी, बीएंडके, कथारा ) के मरीजों के लिए एक मात्र केंद्रीय अस्पताल ढोरी है।

यहां सुविधाओं का घोर अभाव है। बेरमो कोयलांचल में लगभग ढाई से तीन लाख की आबादी के बावजूद समुचित इलाज की व्यवस्था अब तक नहीं हुई है। इसके बावजूद यह अस्पताल लगातार नर्स, वार्ड बॉय और फार्मासिस्ट की कमियों से जूझ रहा है।

इस संबंध में केंद्रीय अस्पताल ढोरी के सीएमओ डॉ अरविंद कुमार ने कहा कि नर्स के अभाव के कारण अस्पताल के महिला वार्ड को फिल्हाल अस्थायी तौर पर बंद किया गया है। नर्स की बहाली होते ही सेवा को चालू कर दिया जायेगा।

उन्होंने बताया कि यह अस्पताल केवल पांच नर्स के भरोसे चल रहा है। 10 नर्स की मांग को लेकर सीसीएल मुख्यालय को पत्राचार भी किया गया है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में पुरुष वार्ड में दो महिला सुरक्षा प्रहरी को तैनात कर दी जाएगी।

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