ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी की अदालत ने दहेज हत्या के आरोपीयों को दस साल की सजा मुकरर की है।
जानकारी के अनुसार अदालत ने मृतका पूनम कुमारी के ससुर टिकेश्वर महतो, भैंसुर नीलकंठ महतो एवं गोतनी प्रमिला देवी को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
मालूम हो कि, वाद के सूचक गिरिडीह जिला के हद में बगोदर थाना क्षेत्र के टुकटुको रहिवासी ने बोकारो जिला के हद में नावाडीह प्रखंड के पेंक नारायणपुर थाना में मामला दर्ज कराया कि उसकी पुत्री पूनम कुमारी की शादी जून 2020 में थाना क्षेत्र के मुंगो रंगामाटी रहिवासी बसंत कुमार महतो के साथ हुई थी।
शादी के समय उपहार में काफी कुछ दिया गया था। शादी के एक माह बाद से ही सूचक की पुत्री के पति बसंत कुमार महतो, ससुर टिकेश्वर महतो, भैसुर नीलकंठ महतो, गोतनी प्रमिला देवी दहेज की मांग करने लगे। कहने लगे तुम अपने पिता से मोटर साइकिल एवं मकान बनाने के लिए तीन लाख रुपए मांगो। मना करने पर आरोपियों द्वारा उससे गाली गलौज किया जाता था। सूचक की बेटी ने फोन कर बताया कि अगर दहेज नहीं देंगे तो जान का खतरा बना है।
इसके बाद 30 सितंबर 2020 को बेटी ने फोन की कि दहेज नहीं दीजिएगा आप तो मेरे ससुराल वाले मेरी हत्या कर कहीं फेंक देंगे। उसके बाद एक अक्टूबर 2020 की सुबह एक व्यक्ति का फोन आया कि आपकी बेटी कहीं निकल गई है। सूचना के बाद जब मूंगो रंगा माटी पहुंचा तो बेटी के घर में कोई नहीं था। उसके बाद बेटी को खोजने लगे तब जंगल में महुआ के पेड़ पर बेटी की लाश को लटकते देखा। जिसके गले में साड़ी का फंदा लगा था। देखते ही ऐसा लगा की मारपीट कर हत्या कर लाश को पेड़ में लटकाया गया है। कहा गया कि उसे पूरा विश्वास है कि दहेज को लेकर बेटी के ससुराल वालों ने हत्या कर लाश को पेड़ से लटका दिया गया है।
उक्त बयान के आधार पर पेंक नारायणपुर थाना में मामला दर्ज किया गया। आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर जिला जज द्वितीय सूर्य मणि त्रिपाठी के न्यायालय में आया।
न्यायालय में उपलब्ध गवाह एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद जिला जज द्वितीय त्रिपाठी ने दहेज हत्या के मामले में दोषी पाने के बाद ससुर टिकेश्वर महतो, भैसुर नीलकंठ महतो एवं गोतनी प्रमिला देवी को दस साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाये जाने के बाद तीनों अभियुक्त को तेनुघाट जेल भेज दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू ने बहस किया।
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