गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिले में मॉनसून के धोखे से इनदिनों यहां के किसान परेशान हाल हैं। बारिश नहीं होने के कारण जिले में कृषि कार्य पुरी तरह चौपट हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वैशाली जिले में मॉनसून की बेरूखी से औसत से भी बहुत कम वर्षा हुई है। जिस वजह से जिले में अभी तक 10 प्रतिशत ही धान की रोपनी संभव हो पाया है। किसानों द्वारा लगाए गए धान के बिचढ़े अब सूखने लगे हैं। जिन किसानों ने धान की रोपनी की उस खेत मे भी पानी के अभाव में दरारे दिखने लगी हैं।
आश्चर्य यह कि वैशाली जिले में सरकारी सिचाई के साधन न के बराबर हैं। सरकारी नलकूपों में अधिकांश कूप अपनी अंतिम सांस गिन रही है। जिले में गंडक नहर योजना 30 वर्षो से हाथी के दाँत साबित हो रहा है। जिले में थोड़ी बहुत जो धान की रोपनी हुई है वह निजी नलकुपो की बदौलत। बर्षा नही होने से जिले के पोखर, नाले सब सूख गया है।
सरकार द्वारा किसानों के लिये डीजल अनुदान की घोषणा की गई है, जिसे भी आम किसानों को कोई लाभ नही होने वाला। क्योंकि जिले में जोत के छोटे छोटे टुकड़े हैं और सभी किसानों के पास सिचाई के अपने साधन नही है। जिस वजह से यहां धान की फसल पूर्णतः वर्षा पर निर्भर है। यदि एक सप्ताह में वर्षा नही हुई तो किसान धान के फसल की आस छोड़ने को विवश होंगे।
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