सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में नोवामुंडी प्रखंड अंतर्गत जेटेया गांव है। जहां कृषि आजीविका का प्रमुख स्रोत है।
इस गांव के कप्तान तिरिया नाम के एक किसान ने वर्ष 2022 के दिसंबर महीने में अपनी 5.6 एकड़ जमीन पर ट्रेंच कम बंड (टीसीबी) बनाने पर सहमति जताई। इस परिवार के पास जो ज़मीन थी उसमें से ज़्यादातर बंजर ज़मीन थी। इसलिए शुरू में वह इसे अपनाने में अनिच्छुक थे। क्योंकि वह इसके लाभों का पता लगाने में असमर्थ थे।
बाद में उन्होंने इसे टाटा स्टील फाउंडेशन नोवामुंडी (टीएसएफ) फील्ड स्टाफ की निगरानी में ले लिया। इसके परिणाम स्वरूप अधिक पानी जमा होता है और अधिक पानी मिट्टी के अंदर प्रवेश कर जाता है। मिट्टी को लंबे समय तक नमी प्रदान करता है। इस प्रकार फसल उत्पादकता बढ़ती है। उक्त किसान के पास अपने टीसीबी क्षेत्र के अलावा लगभग 5-6 एकड़ कृषि भूमि है।
जिसमें उन्होंने धान के साथ-साथ अरहर और कुछ करेला और लोबिया की भी खेती की है। टीसीबी के परिणाम स्वरूप मिट्टी में नमी मिलने के कारण पौधों की वानस्पतिक वृद्धि सामान्य से बेहतर हुई। इतना ही नहीं, टीसीबी बनने के बाद इस साल वह रबी की फसल यानी मटर की फसल भी ले पा रहे हैं।
इसकी खेती कर परिवार ने लगभग अच्छी कमाई की है। धान, करेला और लोबिया से 40 हजार रुपए, अरहर की कटाई अभी नहीं हुई है। निश्चित रूप से इससे परिवार को अच्छी कमाई होगी, क्योंकि फसलों की उत्पादकता भी बढ़ी है।
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