शिक्षा मानव के उज्ज्वल भविष्य के लिए उपयोगी साधन है-डॉ मनोज कुमार
सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में डीएवी पब्लिक स्कूल गुवा में लगातार 22 महीनों से सेवारत प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के सेवानिवृत्त होने पर विद्यालय प्रबंधन द्वारा विदाई समारोह का आयोजन किया गया। मौके पर आगंतुक अतिथि प्राचार्य की धर्मपत्नी सुमन पांडेय, सुपुत्र एम टेक अभियन्ता कनिष्क पांडेय एवं अभियन्ता बीटेक कार्तिक पांडेय का स्कूल के शिक्षक – शिक्षिकाओं द्वारा सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर विद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में प्रशस्ति सह स्मार पत्र के साथ-साथ विद्यालय का स्मृति चिन्ह व् शाल ओढ़ाकर स्कूल के प्राचार्य डॉ मनोज कुमार को सम्मानित किया गया।
स्कूली बच्चों के द्वारा इस अवसर पर रंगारंग नृत्य – गीत का मंचन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में स्कूल के शिक्षकों में वरीय शिक्षक अनंत कुमार उपाध्याय ने विदाई गीत प्रस्तुत किया।
शिक्षक पीके आचार्य, भास्कर चंद्र दास, अरविंद कुमार साहू एवं श्रवण कुमार पांडेय ने अपने विचारों में विद्यालय के विकास में प्राचार्य के दिशा निर्देश की चर्चा की। सबों ने बताया कि प्राचार्य डॉ कुमार ने शिक्षा प्रेमी के रूप में विद्यालय के उत्थान में अग्रणी भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्कूल के निवर्तमान प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने बताया कि उन्होंने सेवा अवधि की संपूर्ण कार्यकाल में बच्चों को बेहतर शिक्षा दी एवं उनके चरित्र निमार्ण को ही अपने जीवन का आधार बनाया। अच्छे शिक्षाविद व शिक्षा प्रेमी के रूप में उन्होंने कहा कि शिक्षा मानव के उज्ज्वल भविष्य के लिए बहुत ही उपयोगी साधन है। शिक्षा का उच्च स्तर सामाजिक और पारिवारिक सम्मान तथा एक अलग पहचान बनाने में मदद करता है।
मुल रूप से बिहार प्रांत के वैशाली जिला के हद में रोहना निवासी बहुमुखी प्रतिभा के धनी शिक्षाविद स्वर्गीय हरिद्वार पांडेय के सुपुत्र प्राचार्य डॉ मनोज कुमार ने बताया कि वे बिहार राज्य के गया नंबर वन से दशम 1979 एवं द्वादश 1981 में उत्तीर्ण की। जूलॉजी (ऑनर्स) गया कॉलेज गया से की। तत्पश्चात स्नातक व एमएसी, पोस्ट ग्रेजुएट डिपार्टमेंट ऑफ़ जूलॉजी विभाग से गया से की।
मगध विश्वविद्यालय से 1983- 1985 में प्रथम श्रेणी से उतीर्ण किया। वर्ष 1984 में जंतु विज्ञान में प्रतिष्ठा गया कॉलेज गया से की। पीएचडी की उपाधि एसआरएफ, सीनियर रिसर्च फेलो (स्कॉलर) डीएसटी मे 1992 में डायनेमिक ऑफ प्रोटीन कंटेंट एवं कॅलोरिफिक वैल्यू एंड इट्स कैलोरिफिक वैल्यू ऑन थिलापिया मोसैम्बिका पीर्ट्स 1991 में लिखी थेसिस पर मिली। वर्ष 1988 से 1996 तक बतौर ब्याख्याता अंगीभूत महाविद्यालय में सेवारत रहे।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी डॉ मनोज कुमार ने 1997 में बतौर पीजीटी डीएवी संस्था के अनपरा (उप्र) में संत स्व. नारायण दास ग्रोवर के प्रेरणा से प्रेरित होकर योगदान दिया। अगस्त 2000 में डीएवी झुमरी तिलैया (कोडरमा) में बतौर सुपरवाइजरी हेड डीएवी में सेवा दी। एक जनवरी 2006 में वे डीएवी कथारा के प्राचार्य बने।
समस्याओं के निराकरण एवं पश्चिम सिंहभूम जिले के महारत्न कंपनी सेल सम्बद्ध संचालित डीएवी गुवा मे उनका स्थानांतरण किया गया। उल्लेखनीय है कि प्राचार्य डॉ मनोज कुमार के पदभार ग्रहण करते ही डीएवी गुवा का चहुंमुखी विकास हुआ। डीएवी संस्था नई दिल्ली के निदेशक जे पी सूर, रीजनल ऑफ़िसर जमशेदपुर ओ पी मिश्रा, सेल प्रबंधन द्वारा उनकी सेवानिवृत पर कार्यकाल की भूरी – भूरी प्रसंशा की गयी।
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