सीएम नीतीश कुमार ने जताया शोक
प्रहरी संवाददाता/पटना (बिहार)। बिहार (Bihar) के प्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार (Doctor Prabhat Kumar) की 18 मई को हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। डॉ. प्रभात एक मई को कोरोना संक्रमित हुए थे। हालत गंभीर होने पर दस मई को उन्हें पटना से एयर एंबुलेंस से हैदराबाद भेजा गया था। वहां उन्हें इकमो (एक्स्ट्रा कारपोलरी मेम्ब्रेन ऑक्सीजेनेशन सिस्टम) मशीन पर रखा गया था।
कार्डियोलॉजिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया के ग्रुप पर उनके निधन का संदेश मिलने के बाद प्रदेश के चिकित्सा जगत में शोक की लहर दौड़ गई। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सहजानंद प्रसाद सिंह, आइजीआइसीएमएस के डॉ. एके झा समेत तमाम चिकित्सको ने इसे प्रदेश की अपूर्णनीय क्षति बताया।
इधर प्रख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. प्रभात कुमार के निधन पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरा शोक जताया है। सीएम ने अपने शोक संदेश में कहा है कि प्रभात कुमार हृदय रोग के प्रख्यात चिकित्सक थे। बिहार में एंजियोप्लास्टी की सुविधा देने वाले वह पहले कार्डियोलाजिस्ट थे। बिहार के लोगों को एंजियोप्लास्टी के लिए पहले एम्स या फोर्टिस जैसे संस्थानों में जाना पड़ता था। डॉ. प्रभात ने यह सुविधा पटना में उपलब्ध कराई। सीएम ने कहा कि डॉ. प्रभात समाज सेवा के कार्यों से भी जुड़े थे। गरीबों का मुफ्त इलाज भी करते थे। उनके निधन से चिकित्सा जगत को अपूरणीय क्षति हुई है।
बताया जाता है कि डॉक्टरों के अनुसार कंकड़बाग के एक निजी अस्पताल में जब इकमो मशीन पर उनकी हालत में सुधार नहीं हुआ तो उन्हें एयर एंबुलेंस से हैदराबाद के निजी अस्पताल में भेजा गया था। जहां फेफड़े का प्रत्यारोपण की व्यवस्था थी। वहां उनकी हालत में सुधार देख कर डॉक्टरों को आशा थी कि जल्द ही फेफड़े का प्रत्यारोपण कर उन्हें पूर्ण रूप से स्वस्थ कर दिया जाएगा, लेकिन खून में संक्रमण का रोग सेप्टीसीमिया होने से उनके कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया। जिससे उनकी मौत हो गयी।
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