राष्ट्रीय लोक अदालत में 2044 मामलों का निष्पादन

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय में 11 सितंबर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2,044 मामलों का निष्पादन एवं लगभग 1,24,13,085 रुपए समझौता राशि वसूल की गई।

जिसमें बैंक के 114 मामलों में लगभग 54,00,000 रुपए, मोटरयान दुर्घटना के 3 मामलों में 5,49,000 रुपए, एन आई एक्ट के 31 मामलों में लगभग 55,00,000 रुपए, बिजली विभाग के 8 मामलों में 72,000 रुपए की समझौता राशि वसूल किया गया।

मामलो के निष्पादन को लेकर यहां पांच बेंच का गठन किया गया था। जिला जज प्रथम के न्यायालय से 2, जिला जज द्वितीय के न्यायालय से 8, जिला जज तृतीय के न्यायालय से 1, जिला जज चतुर्थ के न्यायालय से 1, एसीजेएम न्यायालय से 55, एसडीजेएम के न्यायालय से 66, प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय से 39, अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से 75 मामलों का निष्पादन किया गया।

राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल संचालन के लिए पांच बेंच का गठन किया गया था। जिसके प्रथम बेंच में जिला जज प्रथम राजीव रंजन, जिला जज चतुर्थ विशाल कुमार एवं अधिवक्ता वकील महतो, दूसरे बेंच में जिला जज द्वितीय गुलाम हैदर, जिला जज तृतीय राजेश कुमार सिन्हा एवं अधिवक्ता मजहरूल हसन, तीसरे बेंच में एसीजेएम विशाल गौरव, एसडीजेएम संजीत कुमार चंद्र एवं अधिवक्ता रीतेश कुमार जयसवाल, चौथे बेंच में मुंसिफ एसएन कुजूर, अनुमंडल पदाधिकारी अनंत कुमार एवं अधिवक्ता सुभाष कटरियार तथा पांचवे बेंच में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी दीपक कुमार साहू एवं अधिवक्ता बिनोद कुमार गुप्ता मौजूद थे।

वहीं अधिवक्ता बासु डे, प्रेम कुमार सिन्हा, जीवन सागर, सोम डे, रमेंद्र कुमार सिन्हा आदि ने अहम भूमिका निभाई। उक्त जानकारी देते हुए तेनुघाट विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव चंद्र ने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय, झारखंड उच्च न्यायालय एवं बोकारो प्रधान जिला जज के निर्देश पर तेनुघाट व्यवहार न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जो काफी सफल रहा।

उन्होंने कहा कि इस कोरोना काल में भी लोग अपने मामलों के निष्पादन में इतना सक्रिय देखें गए। इसे देखकर काफी प्रसन्नता हुई। इसके लिए उन्होंने सभी न्यायिक पदाधिकारी, प्रशासनिक पदाधिकारी, अधिवक्तागण, उनके लिपिक, न्यायालय कर्मचारीगण, बैंक विभाग, उत्पाद विभाग, वन विभाग, एल ई ओ विभाग आदि के पदाधिकारी, मुक्क्कील को भी साधुवाद दिया है। जिनके सहयोग से राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाया गया।

जिला जज प्रथम राजीव रंजन ने कहा कि लोक अदालत से कोर्ट में महीनों चक्कर लगाने से और पैसों की बर्बादी से बचा जा सकता है। इसके साथ ही फिर से आपस में प्रेम और सौहार्द बन जाता है।

इससे लोगों को मानसिक शांति भी मिलती है। लोगों में प्रेम, समरसता, शांति और समृद्धि बनी रहे यही लोक अदालत का उद्देश्य है। जिला जज द्वितीय गुलाम हैदर ने कहा की लोक अदालत के माध्यम से व्यापक पैमाने पर मुकदमों का निष्पादन किया जा रहा है। जिससे समय की बचत के साथ साथ विभिन्न कानूनी पचड़े से मुक्ति मिल रही है।

जिला जज तृतीय राजेश कुमार सिन्हा ने कहा कि लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां तुरंत मामलों का निष्पादन होता है और मामला आगे नहीं बढ़ता है।

अनुमंडल पदाधिकारी अनंत कुमार ने कहा कि झालसा, नालसा, डालसा के द्वारा किया जा रहा यह कार्य एक सराहनीय कदम है। लोक अदालत के आयोजनों से लगातार मामलों का निष्पादन हो रहा है और लंबित मामलो की संख्या घटती जा रही है।

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