प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण संरक्षण संस्थान के महासचिव शशि भूषण ओझा ‘मुकुल’ के नेतृत्व में पांच सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने 30 नवंबर को धनबाद सांसद से भेंट कर नदी प्रदूषण की रोकथाम के लिए स्मार पत्र सौंपा।
प्रतिनिधि मंडल में सचिव बबलू पांडेय, सलाहकार संजय तिवारी, सुबोध सिंह और उमेश प्रसाद सम्मिलित थे। जानकारी के अनुसार बोकारो की जीवन रेखा गरगा नदी को प्रदूषण मुक्त करने हेतु लोकसभा के आगामी सत्र में केंद्र सरकार से प्रश्न पूछने हेतु 30 नवंबर को धनबाद के सांसद पशुपति नाथ सिंह से उनके धनबाद स्थित आवास पर मिलकर प्रतिनिधिमंडल द्वारा एक निवेदन पत्र दिया गया।
पत्र के माध्यम से उन्हें अवगत कराया गया कि गरगा नदी बोकारो जिला के कसमार के कलौंदी बांध जलकुंड से निकलती है और दामोदर में तेलमच्चो पूल के पास मिलती है। कहा गया कि इस नदी की उत्पत्ति भगवान श्रीकृष्ण के जन्म को लेकर आयोजित यज्ञ में जल की कमी को दूर करने को हुई थी।
मान्यता है कि ऋषिश्रेष्ठ गर्ग ने अपने तपोबल से भूगर्भ से द्वापर में इसे उत्पन्न किया था। इस नदी पर बने गरगा डैम तक तो इसका जल शुद्ध रहता है पर जैसे ही यह डैम से बाहर आती है बोकारो इस्पात संयंत्र के आवासीय कॉलोनियों के गंदे नालों और चास नगर निगम क्षेत्र के गंदे नालों का अनवरत प्रवाह इसमें होता है।
जिससे यह नदी अत्यंत प्रदूषित हो जाती है। संस्थान द्वारा कई बार सरकार और इस्पात प्रबंधन से पत्राचार करने से जवाब मिलता है कि संयंत्र प्रबंधन द्वारा ऑक्सीडेशन पौंड बनाया गया है, जिसमें गंदे नालों को साफ कर दिया जाता है। परंतु, संस्थान का मानना है कि इस्पात प्रबंधन गलत जानकारी देता है।
क्योंकि ऑक्सीडेशन पौंड से सिर्फ ठोस और अघुलनशील गंदगी ही थोड़ी साफ होती है। जो घुलनशील और केमिकल मिली गंदगी होती है वह साफ नहीं होती और नदी में मिलकर इसको प्रदूषित करती है। कहा गया कि नदी को प्रदूषित करना दंडनीय अपराध है। फिर भी, सरकारी प्रतिष्ठान द्वारा नदी को प्रदूषित किया जाना अत्यंत ही चिंतनीय है।
कहा गया कि यह नदी पौराणिक और धार्मिक महत्व से भी जुड़ी है, जिसका प्राचीन नाम गर्ग-गंगा है। इसका जल भगवान शंकर पर चढ़ाया जाता है। साथ ही इसके जल में पवित्र छठ पर्व भी मनाया जाता है। सांसद सिंह ने इस बात को गंभीरता से लिया और इस विषय पर लोकसभा में प्रश्न पूछने के लिए आश्वस्त किया। सांसद ने कहा कि गरगा नदी को प्रदूषित करना घोर अपराध है।
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