भ्रष्टाचरियों का अड्डा बना कथारा का बिजली विभाग
बिना लेनदेन के नहीं होता कोई काम
विशेष संवाददाता/कथारा। झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की कथारा इकाई में चल रहे भ्रष्टाचार और लापरवाहियों का अंत कब होगा? बेलगाम हुए यहां के अधिकारी और कर्मचारियों के तालमेल से इस विभाग को प्रति माह लाखों का चूना लगाया जा रहा है। इतना ही नहीं धड़ल्ले से चल रहे लूट खसोट के कारण सरकारी खजाने में जमा होने वाली राशि में धडल्ले से बंदर बांट किया जाता है।
ताजा मामला सोमवार 15 अप्रैल का है। इस दिन जोरदार आंधी पानी की वजह से बिजली की सप्लाई ठप हो गई। इसके बाद पता चला कि केबल टूटने के कारण सप्लाई बंद है और फिलहाल इसे बहाल नहीं किया जा सकता। ऐसे में विभागीय कर्मचारियों के साथ मिलकर अन्य लोगों द्वारा कथारा में प्रति दुकान 30 से 50 और 100 रुपये वसूली की गई। इससे बिजली के उपभोक्ताओं में एक तरफ नाराजगी तो दूसरी तरफ बेबसी भी देखी गई। सूत्रों और कई दुकानदारों से छानबीन में पता चला कि पैसों की वसुली के बाद ही उपभोक्ताओं की बिजली बहाल की गई। जबकि इसी काम के लिए झारखंड सरकार द्वारा बहाल किये गए कर्मचारियों को वेतन के रूप में मोटी रकम दी जाती है।
गौरतलब है कि इस मुद्दे पर कथारा स्थित विभागीय कार्यालय से संपर्क साधा गया तो वहां से तेनुघाट के किसी अभियंता का मोबाइल क्रमांक : 94311 35714 दिया गया। उपरोक्त मोबाइल नं पर संपर्क करने पर अभियंता ने शिकायतों को सुना लेकिन उन्होंने खुद को इस शिकायत से अपना पल्ला झाड़ लिया। यहां तक की बार बार नाम पुछने पर उन्होंने अपना नाम बताने के बजाय, मैं रेड पर जा रहा हु कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया।
इस कड़ी में एक और दिलचस्प बात यह है कि कथारा विभाग के एस डी ओ राजेश बीरूआ ने शिकायत सुनी और कर्रवाई करने का आश्वासन दिया। स्थानीय रहिवासियों के अनुसार इस विभाग में वर्षो से फैले भ्रष्टाचार और लापरवाहियों का यह आलम है कि मामुली तकनीकी खराबियों को दूर करने के लिए यहां के दुकानदारों से ही वसुली की जाती है। सूत्रों की माने तो वर्षो से एक ही स्थान पर तैनात कर्मचारी ही स्थानीय बिजली मिस्त्री से मिलकर इस खेल को अंजाम दे रहे हैं।
Tegs: #Employees-of-electricity-department-seem-to-lose-government
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