फिरोज आलम/जैनामोड़ (बोकारो)। जैनामोड़ व आस-पास सहित जिले भर में ईद- उल- फितर की नमाज 14 मई को मनेगी। इस बार ईद कोविड-19 प्रोटोकॉल के बीच सादगी के साथ के साथ मनाई जाएगी। सरकार (Government) की ओर से जारी गाइडलाइन मुस्लिम धर्मावलंबियों का संदेश तथा जारी गाइडलाइन के अनुसार आदा की जाएगी ईद-उल- फितर की नमाज। किसी भी तरह का सर्वजनिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाएगा।
*मस्जिदों में भी कोविड प्रोटोकॉल (Covid protocol) का ख्याल रखा जाएगा*
ईद महीने भर रोजा रखने के बाद जो अल्लाह के जानिब से इनाम मिलने वाला होता है, उसी खुशी में ईद मनाई जाती है। लेकिन आज हमारा देश के साथ-साथ झारखंड प्रदेश कोरोना महामारी की वजह से जिस बुरी स्थिति से गुजर रहा है। ऐसी सूरत में किसी भी जिंदा दिल इंसान के लिए खुशी मनाना बहुत ही मुश्किल काम है। हमने रमजान का पूरा महीना नमाज भी अपने घरों में अदा की। अब ईद पर भी सभी लोग नियमों का पालन करेंगे।
यहां जरीडीह थाना प्रभारी विनय कुमार ने लोगों को जागरूक करते हुए कहा कि घरों पर ही मनाए ईद। स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह के अनुपालन को लेकर जरीडीह थाना के थाना प्रभारी विनय कुमार अपने दल बल के साथ जरीडीह प्रखंड के सभी मुस्लिम बहुल गांव स्थित मस्जिदों में जाकर गांव के प्रमुख व्यक्तियों को इसकी जानकारी देते हुए हर हाल में ईद की नमाज अपने अपने घरों में ही मनाने की अपील की। सभी गांव में गांव के रहिवासियों ने पुलिस को भरोसा दिया कि सरकार द्वारा जारी कोरोना का गाइडलाइन के अनुरूप ही इस बार सभी अपने अपने घरों में ही ईद की नमाज अदा करेंगे। जरीडीह प्रखंड के गायछंदा, पाथुरिया, कोरटांड़, चिलगडा, अराजू, बांधडीह, जैनामोड़, बारु, बहादुरपुर, टांड़ बालीडीह, तुपकाडीह आदि मुस्लिम बहुल गांवों में दौरा कर थाना प्रभारी विनय कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते दौर में इस बार जरीडीह थाना में ईद को लेकर शांति समिति की बैठक नहीं हो पायी। जिसके बाद पुलिस टीम बनाकर सभी मुस्लिम बहुल गांव का दौरा कर ग्रामीणों को जागरूक करने व घरों में ईद मनाने की अपील की जा रही है। इधर कपड़े, जूते, चप्पल, महिला प्रसाधन, इत्र, सुरमा, टोपी की दुकान बंद होने से ईद की खरीदारी नहीं हो पाई।
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