शान-ओ-शौकत से मनाया गया ईद उल फ़ित्र का त्यौहार

मुस्लिम धर्मावलंबियों ने ईदगाहो में नमाज अदा के एक दूसरे को दी ईद की बधाई

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। पूरे एक माह रोजा-ऐ-रमजान के बाद इस्लाम धर्मावलंबियों द्वारा जोश-ओ-खरोश के साथ 11 अप्रैल को ईद उल फ़ित्र का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर विभिन्न ईदगाहों में नमाज अदा कर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद दी गयी। यहां सभी एक दूसरे से गले मिलकर ईद की बधाई दी।

जानकारी के अनुसार ईद के पाक मौके पर बोकारो जिला के हद में पेटरवार, गोमियां, बेरमो तथा नावाडीह के ईदगाहों में इमाम द्वारा पाक परवर दिगार के सामने कसीदे पढ़े गये तथा ईद के त्यौहार पर प्रकाश डाला गया।

ईद के अवसर पर पेटरवार प्रखंड के हद में खेतको स्थित ईदगाह में हजारों की संख्या में उपस्थित नमाजियों ने बड़ी की अकीदत के साथ ईद की नमाज पढ़ी। वहीं विभिन्न रंग-बिरंगे पोषकों में छोटे बच्चे भी गले मिलकर एक दूसरे को ईद की मुबारक दे रहे थे।

इस अवसर पर जामा मस्जिद खेतको के इमाम मोहम्मद हफीज मकसूद आलम द्वारा ईद की खासियतों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। गांव के कई गणमान्य जनों ने नातिया कलाम पढ़कर हकीकत पेश की।

ईद के अवसर पर गोमियां प्रखंड के झिड़की स्थित गांव में नमाजियों ने उत्साह पूर्वक ईदगाह में नमाज़ पढ़े। वहीं एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। यहां बड़ी संख्या में विभिन्न धर्मो माननेवाले अपने जानने वालों के घरों में जाकर ईद की मुबारकबाद दी तथा सेवाइयां सहित विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का जमकर लुफ्त उठाया।

ईद के खास मौके पर बेरमो प्रखंड के हद में जारंगडीह स्थित ईदगाह में नमाज पढ़े गए यहां उपस्थित सैकड़ो नमाजियों ने एक दूसरे से गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी। इसी प्रकार गांधीनगर स्थित ईदगाह में भी नमाजियों ने ईद की नमाज पढ़ी तथा खुदा की इबादत की।

वहीं नावाडीह प्रखंड के हद में काछो, नारायणपुर स्थित ईदगाह में नमाजियों द्वारा ईद के नमाज पढ़े गए तथा एक दूसरे के गले मिलकर ईद की मुबारकबाद दी गयी।
ज्ञात हो कि इस्लाम धर्म में ईद पर्व को खास तवज्जो दिया गया है। इस पर्व को मानने वालों का मूल उद्देश्य 30 दिन रोजा रखकर बाह्य व आंतरिक स्थिति को पाक व दुरुस्त करना है।

साथ ही इस अवसर पर एक दूसरे से गले मिलकर आपसी मनमुटाव तथा गिले शिकवे को भूलकर पुनः एकता, इंसानियत की खातिर तरक्की के राह पर मिलजुल कर चलने की सीख देता है। इसलिए त्यौहार खास समाज के लिए खास महत्व रखता है। और तो और इस दिन सभी बच्चे, बूढ़े, जवान, महिला, पुरुष नए वस्त्र धारण करते हैं, ताकि अंतरमन की सफाई के साथ-साथ बाह्य आवरण भी स्वच्छ एवं शुद्ध रहे।

 97 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *