सरसौना मजदूर मौत कांड व् पुलिसिया जुल्म के खिलाफ सीएम का पूतला दहन

तमाम कर्मियों की सूची सार्वजनिक कर बीमा कराये फैक्ट्री प्रबंधन-सुरेंद्र प्रसाद सिंह

एस. पी. सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला के हद में ताजपुर प्रखंड के सरसौना स्थित सीमेंट फैक्ट्री में बीते दिनों मजदूर की मौत कांड के खिलाफ 16 दिसंबर को भाकपा माले ने प्रतिरोध मार्च निकालकर मुख्यमंत्री (सीएम) का पूतला फूंका।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में भाकपा-माले कार्यकर्ता शहर के मालगोदाम चौक स्थित माले जिला कार्यालय पर इकट्ठा होकर हाथों में मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां लेकर जिलाव्यापी कार्यक्रम के तहत प्रतिरोध मार्च निकाला। नारे लगाकर मार्च बाजार क्षेत्र के विभिन्न मार्गो का भ्रमण करते हुए स्टेशन चौक पहुंचकर मार्च सभा में तब्दील हो गया।

सभा की अध्यक्षता माले जिला सचिव उमेश कुमार तथा संचालन सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने किया। सभा को ललन कुमार, जीबछ पासवान, रामचंद्र पासवान, उपेंद्र राय, संजीत पासवान, राजकुमार चौधरी, अनील चौधरी समेत सुरेश ठाकुर, तनंजय प्रकाश, उमेश राय, अन्नू अली, ललन राय, उमेश कुमार आदि ने संबोधित किया।

इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए खेग्रामस के जिला सचिव जीबछ पासवान ने कहा कि बीते 12 दिसंबर को रात्रि लगभग 2 बजे सरसौना सीमेंट फैक्ट्री में दबकर झारखंड के मजदूर सूर्यकांत राम की मौत हो गई। मजदूर को सदर अस्पताल के चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। सेफ्टी मैनेजर आदित्य कुमार झा पुलिस अभिरक्षा से अस्पताल से शव को लेकर फरार हो गये। शव को फैक्ट्री नहीं ले जाकर फेंकने के उद्देश्य से वैशाली जिला के हद में डभैत चौर लेकर चले गये। जब मृतक के चचेरे भाई नागेंद्र राम ने शव को फेंकने का विरोध किया तो सेफ्टी मैनेजर उसे पिटने लगा।

उन्होंने कहा कि मृतक के भाई द्वारा चिखने-चिल्लाने पर स्थानीय ग्रामीण इकट्ठा हो गये। रहिवासी माजरा को समझ कर शव को फैक्ट्री पहुंचा दिए, जहां आक्रोशित रहिवासी हंगामा पर उतारू हो गये। हंगामा शांत कराने को पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। इसमें दर्जनों ग्रामीण घायल हो गये। उन्होंने कहा कि हंगामा में घूसे असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव किया। इसमें आधे दर्जन पुलिस कर्मी घायल हो गये।

उन्होंने कहा कि घटना को लेकर ताजपुर पुलिस ने 152, 153 एवं 154/24 तीन प्राथमिकी दर्ज कर 15 नामजद एवं 150 अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया। पुलिस सोची-समझी राजनीति के तहत दोषी सेफ्टी मैनेजर को बचा रही है और निर्दोष को एफआईआर में डाल रही है। पुलिस द्वारा घर में घूस कर निर्दोष महिला-पुरूष को पिटा जा रहा है।

किसान महासभा के जिला सचिव ललन कुमार ने कहा कि फैक्ट्री को वृक्षारोपण करना था। फैल रहे प्रदूषण को रोकने की व्यवस्था करना था, लेकिन फैक्ट्री से निकले प्रदूषण से किसानों का फसल, पेड़-पौधे बर्बाद हो रहा है। यह घोर निंदनीय है। अगर फैक्ट्री प्रदूषण नियंत्रण का काम नहीं करती है तो किसान महासभा आंदोलन शुरू करेगी।

अपने अध्यक्षीय संबोधन में जिला सचिव उमेश कुमार ने कहा कि शव छुपाकर फैक्ट्री कांड करवाने के जिम्मेवार सेफ्टी मैनेजर आदित्य कुमार को हटाने, निर्दोष का नाम एफआईआर से हटाने, निर्दोष का नाम एफआईआर में डालने पर रोक लगाने के लिए आंदोलन जारी रहेगा।

सुरेंद्र प्रसाद सिंह ने जोर देते हुए कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन सभी कार्यरत मजदूरों का बीमा कराये। साथ हीं कर्मियों के नामों की सूची को सार्वजनिक करे। उन्होंने फैक्ट्री से फ़ैल रहे प्रदूषण पर रोक लगाने की मांग की। अंत में उक्त कांड एवं पुलिसिया जुल्म का विरोध करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पूतला फूंका गया। व्योवृद्ध भाकपा माले नेता योगेंद्र राऊत ने पूतला को अग्नि को समर्पित किया।

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