राजेश कुमार/बोकारो थर्मल (बोकारो)। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) से सेवानिवृत पेंशनरों ने मुख्यालय प्रबंधन द्वारा उनके आवासों का लाइसेंस फीस (रेंट) 25 गुणा की दर से बढ़ा कर पेंशन से काटे जाने के विरोध में 2 सितंबर को बोकारो थर्मल में जुलूस निकाला। पेंसनर जुलूस निकाल कर प्लांट गेट समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया तथा स्थानीय डीवीसी प्रबंधन को मांग पत्र सौंपा।
जानकारी के अनुसार बोकारो थर्मल प्लांट गेट से झारखंड चौक तक पेंशनरों ने जुलूस निकाला। इस सबंध में संघ के अध्यक्ष राम सेवक पांडेय ने कहा कि डीवीसी के तिलैया, हजारीबाग, कोनार, बोकारो थर्मल, चंद्रपुरा, पंचेत और मैथन में पेंशनभोगियों के आवासों के लिए लाइसेंस फीस पच्चीस गुणा दर से बढ़ाने से उनके ऊपर बहुत बड़ा आर्थिक बोझ पड़ेगा। जिसका वहन करने में वे असमर्थ हैं।
उन्होंने बताया कि डीवीसी के सभी प्रोजेक्टों में कर्मचारियों की संख्या में काफी कमी आई है, जिससे बड़ी संख्या में डीवीसी के आवास खाली हो गए हैं। खाली आवासों की हालत पहले से ही जर्जर है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पेंशनभोगी डीवीसी प्रबंधन की इस नीति से अपना आवास खाली कर देते हैं। तो कॉलोनी में रहने वाले कर्मचारियों के परिवारों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
पांडेय ने बताया कि पहले से ही उनसे दस गुणा रेंट बढ़ाकर लिया जा रहा रहा था। अब उसी बढ़े रेंट पर 25 गुणा बढ़ाकर उनके पेंशन से ही सीधे अगस्त माह से काटने का काम इस महीने से कर रहा है। प्रदर्शन में शामिल पेंशनरों ने कहा की डीवीसी प्रबंधन ने पेंशनरों को लीज पर वैसे आवासों को देने की घोषणा की जो पूरी तरह से अनुपयोगी और जर्जर हो गया है।
ऐसे आवासों को लेने के लिए दो लाख रुपए की सिक्युरिटी मनी जमा करनी होगी और आवास का रख रखाव एवं मरम्मत भी उनको ही करवाना पड़ेगा। ऐसे आवास उन्हें 11 माह के लिए तीन वर्ष तक ही दिये जायेंगे। जबकि उनकी मांग थी कि जिस आवास में वे वर्षो से रहते आये हैं, वही उनको दे दिया जाये। वर्तमान बढोत्तरी दर दोगुना के स्थान पर 25 गुणा किया जाना किसी भी संस्थान के लिए सराहनीय नहीं कहा जा सकता है। बल्कि यह पुरी तरह दण्डात्मक है। प्रबंधन को इस पर पुर्नविचार करने की जरूरत है।
इसके पूर्व पेंशनरों ने बोकारो क्लब में प्रेस वार्ता कर अपनी मांगों से डीवीसी प्रबंधन को अवगत कराया था। मौके पर पेंशनरों में केके तिवारी, एके देव, सुरेश प्रसाद, अशोक सिंह, सुनील कर्ण, राजकुमार रजक, महेंद्र सिंह, आनंद प्रकाश मेहता, अशोक दास, धर्म सिंह, रंजीत मंडल, मृत्युंजय मंडल, बलविंदर सिंह, मो.अली, मोहन प्रसाद, रमाकांत सिंह, महेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह, रंजीत सिंह, सुंदर शर्मा, राजेन्द्र राम सहित दर्जनों पेंशनर मौजूद थे।
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