ठेकेदार की मनमानी के खिलाफ डीवीसी प्रबंधन की मनमानी

प्रहरी संवाददाता/बोकारो थर्मल (बोकारो)। डीवीसी के बोकारो थर्मल प्लांट के स्विच यार्ड में ठेकेदार की मनमानी एवं गुंडागर्दी के खिलाफ मजदूरों ने जब वरिष्ठ अधिकारी को शिकायत की तो प्रबंधन मनमानी पर उतारू हो गया है। इसे लेकर डीवीसी बोकारो थर्मल प्रबंधन द्वारा 13 मार्च को सभी ठेका मजदूरों को गैरकानूनी तालाबंदी घोषित कर काम पर आने से रोक लगा दी गई। उक्त जानकारी एक्टू के झारखंड अध्यक्ष विकाश कुमार सिंह ने दी।

विदित हो कि, डीवीसी के नियमानुसार एवं सर्कुलर के अनुसार मजदूरों को बहुत सारी सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। जिसमें स्टैच्युटरी होली-डे, हाजार्ड एलाउंस का पैसा भुगतान नहीं किया जाता है। ठेका मजदूरों को नाइट एलाउंस एवं ओवरटाइम का भी पैसा नहीं दिया जाता है। शिकायत करने पर मजदूरों को धमकाया जाता है। उन्हें डिमोट कर दिया जाता है।

विगत दिनों इन्हीं सब समस्याओं को लेकर ठेका मजदूर एक्टू के झारखंड अध्यक्ष विकाश कुमार सिंह के नेतृत्व में डीवीसी बोकारो थर्मल के परियोजना प्रधान सह मुख्य अभियंता से मिले थे। सिंह के अनुसार परियोजना प्रधान ने सभी शिकायतों को दूर करने का आश्वासन भी दी थी। बावजूद इसके इस घटना के बाद ठेकेदार द्वारा और भी ज्यादा दुर्व्यवहार किया जाने लगा। इसके पीछे मूल कारण स्विच यार्ड के एसडीई हरिओम शरण का ठेकेदार को अंध समर्थन करना बताया जा रहा है।

मजदूर नेता सिंह ने बताया कि कार्यरत कुछ कामगारों का कहना है कि एसडीई शरण का ठेकेदार के साथ पार्टनरशिप है, इसीलिए मजदूरों के साथ बंधुआ मजदूर की तरह व्यवहार किया जाता है। यह भी कहा जाता है कि एसडीई बोकारो थर्मल में 10 वर्षों से भी ज्यादा समय से पदस्थापित हैं।

इनकी धर्मपत्नी भी पूर्व में बेरमो प्रखंड में अधिकारी थीं, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप में इनको स्थानांतरित कर दिया गया। इन्हीं कारणों से कुछ गुंडा किस्म को हाई स्किल्ड एवं स्किल्ड मजदूर के रूप में गलत तरीके से गेट पास बनाया गया है। जबकि वे अन स्किल्ड हैं। इनके उपर एसडीई का वरदहस्त बताया जा रहा है, इसीलिए ऐसे दबंगो का काम सिर्फ मजदूरों को गाली देना, धमकाना और प्रताड़ित करना है। उपर के पदाधिकारी भी अज्ञात कारणों से डीएसई शरण के दबाव में कुछ सुनते नहीं हैं।

इस संदर्भ में एक्टू के राज्य अध्यक्ष एवं भाकपा माले के राज्य कमिटी सदस्य विकाश कुमार सिंह ने परियोजना प्रधान को स्थिति से अवगत कराते हुए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। साथ हीं उन्होंने कहा है कि अगर मजदूरों के साथ दुर्व्यवहार एवं शोषण पर रोक नहीं लगाई गई तो विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

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