कुव्यवस्था के कारण लोकल कारीगरों को नहीं मिला गांधी शिल्प बाजार का लाभ

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। बोकारो के सेक्टर चार स्थित मजदूर मैदान में विगत एक सप्ताह से चल रहे गांधी शिल्प बाजार कुव्यवस्था के साथ ही समाप्त हो गया। यहां बोकारो वासियों को हस्तशिल्प से संबंधित सामग्री का लाभ नहीं मिल पाया।

जानकारी के अनुसार हस्तशिल्प विकास संस्थान हजारीबाग द्वारा बीते 24 जनवरी से मजदूर मैदान सेक्टर-4 में गाँधी शिल्प बाजार लगाया गया था। दस दिन के बाद भी पूरा स्टाॅल को नहीं भरा गया। स्टाॅल में नबंरिग, क्राफ्ट एवं कारीगर नहीं दर्शाया गया। बताया जाता है कि कई स्टॉलो में हस्तशिल्प का सामान नगन्य था। लोकल स्तर के नाम पर लगाए गए इस मेला में एक भी लोकल सामान नजर नहीं आया।

बोकारो जिले के कारीगर को इसका लाभ नहीं मिल पाया। हस्तशिल्प मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रायोजित इस मेले में स्थानीय कारीगरों को प्रोत्साहित करने तथा बोकारो वासियों को हस्तशिल्प से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराने के लिए यह मेला लगाया गया था।

उक्त मेला में महिला एवं पुरूष शौचाालय की व्यवस्था नहीं था। कुव्यवस्था के कारण लोकल कारीगरों द्वारा स्टाॅल नहीं लगाया गया, सिर्फ खानापूर्ति किया गया है। प्रचार प्रसार नहीं किए जाने के कारण मेला में स्थानीय रहिवासियों की भीड़ नहीं के बराबर रहा।

बताया जाता है कि उक्त शिल्प बाजार में स्थानीय हस्तशिल्प कारीगर के उत्थान एवं कार्य से कोई मतलब नजर नहीं आया। यह संस्था पूर्व में अर्बन हाट हजारीबाग में अपना खेल कर चुका है। भारी बजट खर्च करने के बावजूद यह मेला अपने प्रारूप में नजर नहीं आया।

स्थानीय रहिवासी रवि कुमार, फुलेंद्र रविदास, किरण कुमारी ने बताया कि मेले में स्थानीय सामग्री तथा हस्त शिल्प विकास से संबंधित सामग्री का अभाव है। बाहरी व्यापारी द्वारा विदेशी तथा चीनी सामान भी बेचा जा रहा है। साथ ही शौचालय नहीं रहने के कारण काफी दिक्कतों का सामना मेला घूमने आने वालों को हो रहा है।

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