बालू उठाव नही होने से दिहाड़ी मजदूरों के समक्ष रोजी रोजगार की समस्या

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। दिहाड़ी मजदूर संगठन के बैनर तले 18 जुलाई को बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में फुसरो बाजार में दिहाड़ी मजदूरों ने एकजुट होकर विरोध जताया। यहां नवाडीह, बेरमो, पिछरी आदि क्षेत्रों से काम की तलाश में आए दिहाड़ी मजदूरों ने बालू उठाव पर रोक लगाए जाने पर सरकार (Government) के प्रति नाराजगी जताया।

इस अवसर पर दिनेश दास ने कहा कि बालू खनन बंद होने से हर तरह के सरकारी व गैर सरकारी निर्माण कार्य बंद हो चुके है। जिससे दिहाड़ी मजदूरों को बड़ी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। दास ने कहा कि बालू खनन बंद होने से हजारों दिहाड़ी मजदूर परिवार जिनका जीविकोपार्जन निर्माण कार्य मे मजदूरी कर होता था, उनके सामने भोजन के भी लाले पड़ गए हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार बालू पर प्रतिबंध हटाएं, ताकि हम लोगों को रोजगार मिले। दास ने कहा कि काम की तलाश में दिहाड़ी मजदूर हर रोज नवाडीह, सुरही, खरपीटो, अमलो, पिछरी, चंद्रपुरा आदि जगहों से 30 से 40 रुपये भाड़ा लगाकर फूसरो आते है। यहां रोजगार नही मिलने के कारण लोगों को निराश होकर लौटना पड़ता है।

गजेंद्र साहू, भुनश्वर रविदास, रेशमी देवी, सुनीता देवी, अमर बाउरी आदि ने कहा कि हर रोज सुबह छह बजे भाड़ा गाड़ी पकड़कर दूर दराज से हमलोग रोजगार की तलाश में फुसरो बाजार आते हैं, परंतु यहां बालू पर रोक लगाए जाने के कारण किसी प्रकार का निर्माण कार्य नही होने से हमलोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है।

दिहाड़ी मजदूरों ने कहा कि झारखंड सरकार (Jharkhand Government ने बेरोजगारों को रोजगार देने का वादा किया था, परंतु महकमा ने बालू पर रोक लगा कर दिहाड़ी मजदूरी करने वालों से रोजगार छीनने का काम किया है।

कहा कि सरकार अभिलंब बालू पर लगा प्रतिबंध नहीं हटाती है तो हमलोग एकजुट होकर बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को विवश होंगे।
मौके पर सरिया देवी, शांति देवी, बुधनी देवी, रेशमी देवी, गुलाबो देवी, छोटन तूरी, धनेश्वर महतो, मोतीलाल महतो, कोकिला रविदास, भुनेश्वर रविदास, अर्जुन कुमार आदि मौजूद थे।

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