एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। सांस्कृतिक संस्था जोगांजलि पटना द्वारा संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के सौजन्य से 16 अगस्त को इश्तियाक अहमद लिखित एवं मनीष महिवाल द्वारा निर्देशित नाटक कातिल खेत का मंचन किया गया।
लोक पंच स्टूडियो पूर्णिमा अपार्टमेंट सालिमपुर अहरा पटना में उक्त नाटक का मंचन किया गया। नाटक को देखने बड़ी संख्या में रहिवासियों की भीड़ अंत तक डटी रही।
प्रस्तुत नाटक क़ातिल खेत जैविक खेती पर आधारित है। नाटक के माध्यम से दिखाया गया कि एक किसान है जो अपनी किसानी से खुश है। खेत से थोड़ा-थोड़ा वह अपनी जरूरत की सभी खाद्य सामग्री उगाता है।
एक दिन किसान को हल जोतते समय खेत में एक चिराग मिलता है। वह चिराग को साफ करता है तभी उसके अंदर से जिन्न निकलता है और सलाह देता है कि तुम अपने खेत में रासायनिक खाद का उपयोग करो। उपज 5 गुना होगा। एक बार में एक ही फसल लगाओ तो और ज्यादा फायदा होगा, पर खर्च थोड़ा ज्यादा लगेगा। जबकि किसान की पत्नी किसान को यह सलाह मानने से बार-बार मना करती है, लेकिन किसान नहीं मानता।
नाटक के अनुसार किसान कर्जा, पईचा लेकर खेती शुरू करता है। बार-बार कर्ज लेता है पर समय पर चुका नहीं पाता है। मजबूरन उसे अपने सारे फसल और अपनी जमीन से हाथ धोना पड़ता है। अंत में वह आत्महत्या कर लेता है।
नाटक कातिल खेत में मंच पर किसान मनीष महिवाल, किसान की पत्नी सोनल कुमारी, जिन्न डॉ विवेक ओझा, बैल सत्यम तथा अरबिंद कुमार, मुखिया अभिषेक, मुंशी जी सत्यम, ग्रामीण रवि कुमार, मुकेश ने बेहतरीन किरदार निभाया है। जबकि उक्त नाटक में मंच से परे प्रकाश राम प्रवेश, रूप सज्जा साधना व् सोनल, संगीत अभिषेक राज, मंच व्यवस्था तान्या बनर्जी, प्रॉपर्टी कृष्ण देव व् प्राची, वस्त्र विन्यास रितिका व् ममता है।
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