भारत को विश्वगुरु और महाशक्ति बनाना है-डॉ. रंजय सिंह

प्रहरी संवाददाता/मुंबई। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, के.जे. सोमैया राजनीति विज्ञान के सहायक आचार्य डॉ. रंजय कुमार सिंह ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime minister Narendra Modi) के “हर घर तिरंगा” अभियान को लेकर पूरे देश में उत्साह है। भारत एक सांस्कृतिक देश है (India is a Culture Country)। इसी आधार पर राष्ट्रीयता  का निर्माण हुआ और इसी समझ ने राष्ट्रगान और तिरंगे को चुना।

महाभारत कालीन गांधार देश यानी आज का अफगानिस्तान, नेपाल, भूटान, इंडोनेशिया, म्यांमार, श्रीलंका, पाकिस्तान और बांग्लादेश, हिंदुस्तान का ही अंग था। सोचिये ये आज भारत (India) का हिस्सा होते तो हमारी शक्ति दुनिया में कितनी होती। धीरे ही सही भारत अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है।

जबकि अन्य देशों की हालत दयनीय है। हम भारतीय सोते जागते यही सोच रखे कि 19 वीं सदी यदि युरोप का रहा, 20वीं सदी अमेरिका, रुस की, तो 21 वीं सदी एशिया में भारत की हो। भारत को 21वीं सदी में विश्व गुरू और महाशक्ति तभी बनाया जा सकता है जब अत्याधुनिक तकनीक, ज्ञान और युवाशक्ति सक्षम हो।

ये विचार प्रज्ञा बोधिनी हायस्कूल, गोरेगाव (पूर्व) के सभागार में डॉ. सिंह ने बतौर मुख्य अतिथि व्यक्त किये। कार्यक्रम में छात्रों ने समसामायिक विषयों पर कला और संगीत के माध्यम से प्रस्तुतियां दीं।

अनुष्का जेरे को सर्वाधिक अंक प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया। स्वागत भाषण प्रधानाध्यापक सुनील पटेल, धन्यवाद ज्ञापन और मंच संचालन मुक्ता शाह ने किया। राष्ट्रीय पर्व पर सभी शिक्षक, कर्मचारी और छात्र उपस्थित थे।

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