फिरोज आलम/जोनामोड़ (बोकारो)। इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स यूनियन ने समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये बीते 10 दिसंबर को राजकीय-राष्ट्रीय सम्मान से अंलकृत समाजसेविका और दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डॉक्टर नम्रता आनंद (Dr Namrata Anand) को सोशल सर्विस एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया।
अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स यूनियन ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय भूमिका निभाने वाले गणमान्य जनों को सम्मानित किया।
सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिये दीदीजी फाउंडेशन की संस्थापक डॉ नम्रता आनंद को मोमेंटो और अंग वस्त्र देकर सोशल सर्विस एक्सीलेंस अवार्ड से सम्मानित किया गया। बिहार से एकमात्र उन्हें यह सम्मान दिया गया। डॉ नम्रता को यह सम्मान पूर्व सांसद आर.के.सिन्हा और पूर्व सासंद महाबल मिश्रा ने दिया।
डॉ नम्रता ने यह सम्मान दिये जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इसके लिये इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स यूनियन के जेनरल सेकेट्री संदीप सेन का वे आभारी है, जिन्होंने उन्हें इस योग्य समझा।
इस अवसर पर डॉ नम्रता ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस हर साल 10 दिसंबर को मनाया जाता है।
यह दिन समानता, शांति, न्याय, स्वतंत्रता और मानव गरिमा की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। मानवाधिकार मूल अधिकारों या स्वतंत्रताओं को संदर्भित करता है, जिसमें लोगों के जीने का अधिकार, स्वास्थ्य, शिक्षा, भाषण और विचारों की स्वतंत्रता और समान अधिकार शामिल हैं।
दुनिया में सभी को समानता का अधिकार मिले. इस दुनिया में जो भी है, सभी को समान रूप से जीने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि मानव अधिकार वह है जिसमें विश्व में रहने वाले हर मानव को कुछ विशेष अधिकार प्राप्त हो। जो समूची दुनिया को एक सूत्र में बांधते हो। मानव अधिकार की रक्षा करते हो तथा स्वतंत्र रूप से जीवनयापन करने की छूट हो। किसी मनुष्य के साथ कोई भी भेदभाव नहीं हो, यह मानव अधिकार है।
उल्लेखनीय है कि डॉ नम्रता को केन्द्रीय चयन समिति ने वर्ष 2004 में राष्ट्रीय विकास और सामाजिक सेवा में किये गये उत्कृष्ट कार्य के लिये राष्ट्रीय यूथ अवार्ड सम्मान से सम्मानित किया है। वर्ष 2019 में उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार की सर्वश्रेष्ठ 20 शिक्षकों में सम्मानित किया।
वर्ष 2021 में डॉ नम्रता ने कुरथौल के फुलझड़ी गार्डेन में संस्कारशाला की स्थापना की। संस्कारशाला के माध्यम से गरीब और स्लम एरिया के बच्चों का नि.शुल्क शिक्षा, संगीत, सिलाई-बुनाई और डांस का प्रशिक्षण दिया जाता है।
डॉ नम्रता को करियर के दौरान मान सम्मान बहुत मिला। इनमें विस्मिल्ल खान सम्मान, महादेवी वर्मा सम्मान, चित्रगुप्त सम्मान, कर्मयोगी महिला सम्मान, नारी रत्न अवार्ड, युवा सम्मान, छात्र सम्मान, राजीव गांधी समररसता अवार्ड, बेस्ट वालिनटेयर अवार्ड, एनएसएस, इंदिरा गांधी समरसता अवार्ड, आदि।
अंतर्रार्ष्टीय समरसता यूनिटी गोल्ड मैडल, महिला शक्ति सम्मान स्वर्ण पदक, इंडो-नेपाल समरसता अवार्ड, इंडो-नेपाल एकता अवार्ड, समाज रत्न अवार्ड, काठमांडू-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड, स्वामी विवेकानंद अवार्ड, नेशनल प्राइड अवार्ड, लाल बहादुर शास्त्री सम्मान, सेवा रत्न सम्मान, कोरोना वारियर्स सम्मान, इंसपिरेशन वुमेन अवार्ड, शिक्षा विभूति सम्मान, अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण वारियर अवार्ड आदि शामिल है।
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