नीट पीजी में स्टेट टॉपर बन डॉ दलजीत ने जिले का मान बढ़ाई

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला (Bokaro district) के हद में कथारा की बेटी डॉक्टर दलजीत कौर ने वर्ष 2021 में आयोजित नीट पीजी परीक्षा (Neet PG Exam) में राज्य स्तर पर पहला रैंक लाकर जिला का मान बढ़ाया है।

डॉ दलजीत (Dr Daljit) की इस सफलता से उसके परिवारजन सहित क्षेत्र के युवाओं में खासा हर्ष देखा जा रहा है। उसने अपनी इस सफलता का श्रेय दिल्ली एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस के रेडियो डायग्नोस्टिक शिक्षक डॉ सुमेर सेट्ठी को दी है।

इस संबंध में 25 जनवरी को कथारा स्टाफ कॉलोनी स्थित अपने आवास में एक भेंट के दौरान डॉ दलजीत कौर ने बताई कि उसने दशवीं तक की शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल कथारा से की। वर्ष 2010 में उसने यहां से 10वीं में टेन सीजीपीए से पास कर स्कूल के टॉप फाइव रही।

वर्ष 2012 में बायोलोजी (Biology) विषय से डीपीएस बोकारो (DPS Bokaro) में 90 प्रतिशत अंको से साथ पास करने के बाद 2014 में नीट यूजी में ऑल इंडिया रैंक 1931 तथा झारखंड स्टेट (Jharkhand state) में दूसरा स्थान प्राप्त की। डॉ दलजीत के अनुसार वर्ष 2020 में एमबीबीएस इंटर्नशिप कर एमडी रेडियो डायग्नोस्टिक की तैयारी को लेकर दिल्ली एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस इन्स्टिट्यूट में पढ़ाई की।

परिणामस्वरूप उसने नीट पीजी इंटरेंस में ऑल इंडिया स्तर पर 233वां तथा झारखंड स्तर पर पहले स्थान पर रही है। जिसमें बीते वर्ष सितंबर माह में ऑल इंडिया रैंक एवं 23 जनवरी को घोषित स्टेट रैंक का परिणाम आया है।

डॉ दलजीत के अनुसार जब वह कक्षा दो में थी तभी उसे डीएवी कथारा की शिक्षिका शर्मिला ठाकुर से डॉक्टर बनने की प्रेरणा मिली। तभी उसने इसे अपने जीवन का लक्ष्य बना ली। काफी झंझावतो को झेलते हुए व् अपने सगे-संबंधियों की ताड़णा को एक मुहिम के तौर पर स्वीकार करते हुए डॉक्टर बनने में सफल रही।

जिसमें परिवार के सदस्यों द्वारा भी उसे काफी नकारात्मक बाते सुनने को मिली, क्योंकि उसके परिवार में कोई सदस्य चिकित्सा क्षेत्र में नहीं है।

उसकी इस सफलता पर उसके पिता सेवानिवृत सीसीएल कर्मी मनजीत सिंह, गृहिणी माता सुखबिंदर कौर तथा भाई नवनीत सिंह जो एमबीए कर मल्टी नेशनल कंपनी में कार्यरत है, स्वयं को काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

हाउस सर्जन कोर्स करने के संबंध में पुछे जाने पर डॉ दलजीत का कहना था कि इससे पीजी नीट की तैयारी के लिए उसे समय नहीं मिलता, इसलिए उसने हाउस सर्जन कोर्स के बजाय नीट पीजी की तैयारी करना ही बेहतर समझी।

जिसमें वह शत-प्रतिशत सफल रही। डॉ दलजीत के अनुसार उसकी सोंच है कि बड़े शहरों में रेडियो डायग्नोस्टिक की सुविधा है, परंतु कथारा, फुसरो, गोमियां जैसे छोटे शहरों में रेडियो डायग्नोस्टिक की सख्त आवश्यकता है। इसलिए वह ऐसे छोटे शहरों में कार्य करने की योजना बना रही है।

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