फिरोज आलम/जोनामोड़ (बोकारो)। कलिंग सामाजिक विज्ञान संस्थान (किस संस्था भुवनेश्वर) देश ही नहीं बल्कि, दुनियां का पहला और इकलौता जनजातीय आवासीय विश्व विद्यालय है। यहाँ तीस हजार से ज्यादा बच्चे नि:शुल्क पढ़ाई कर रहे हैं। किस की पहली अंतरराष्ट्रीय प्रतिकृति प्रतिलिपि बांग्लादेश की राजधानी ढाका में संस्थापित किया गया है।
जानकारी के अनुसार बीते 13 नवंबर को इसका उद्घाटन किया गया। डैफोडिल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (डिश) के नाम से जाना जाने वाले नए किस परिसर का उद्घाटन किट-किस यूनिवर्सिटी के संस्थापक और लोकसभा सांसद डॉ अच्युत सामंत ने किया।
बताया जाता है कि आवासीय परिसर किस का मॉडल हु-ब-हु तैयार किया गया है। इसे किस की तकनीकी सहायता से स्थापित किया गया है। यह डैफोडिल इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (बांग्लादेश) (डीयू) का एक घटक होगा, जो बांग्लादेश का सबसे बड़ा विश्वविद्यालय है।
बांग्लादेश में आदिवासी छात्रों के लिए एक परिसर स्थापित करने का विचार डीयू के संस्थापक डॉ मोहम्मद सबूर खान की किस परिसर की यात्रा के दौरान हुआ। डॉ सामंत का डीयू के साथ लंबे समय से जुड़ाव रहा है। वह बांग्लादेश में किस की प्रतिकृति स्थापित करने के डॉ खान के प्रस्ताव से काफी उत्साहित थे।
उन्होंने नए परिसर को अपना समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई। किस (भुवनेश्वर) परिसर से प्रेरित होकर डॉ खान ने बांग्लादेश में गरीब बच्चों के लिए एक आवासीय विद्यालय स्थापित करने की इच्छा व्यक्त की।
इसके पहले चरण में लगभग 600 गरीब छात्रों को परिसर में प्रवेश दिया जाएगा। उन्हें नि:शुल्क शिक्षा प्रदान की जाएगी। किस अपनी ओर से केवल तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।
कैंपस का उद्घाटन करते हुए डॉ सामंत ने कहा कि वह बांग्लादेश के जाने-माने शिक्षाविद् डॉ खान के डिश की स्थापना के प्रति उत्साह देखकर खुश हैं। जिसे किस (भुवनेश्वर) के बाद तैयार किया गया है। उद्घाटन समारोह में दुनियां भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के अधिकारियों ने भाग लिया।
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