दहेज समाज के लिए अभिशाप, इसे समाप्त करने को युवा वर्ग आगे आएं-रुचि शुक्ला

प्रहरी संवाददाता/पेटरवार (बोकारो)। दहेज प्रथा समाज के लिए एक अभिशाप बनता जा रहा है। इसे समाप्त करने के लिए आज के युवकों को आगे आने की जरूरत है। उक्त बातें मानस विदुषी रुचि शुक्ला ने कही।

पेटरवार प्रखंड के हद में चलकरी गांव में आयोजित श्रीरामचरित मानस नवाहन पारायण महायज्ञ के दौरान बीते 15 मई को शष्टम रात्रि प्रवचन के क्रम में वाराणसी से पधारी मानस विदुषी रुचि शुक्ला ने कहा कि दहेज समाज के लिए एक अभिशाप है, इसे दूर करने के लिए युवा वर्ग को संकल्प भाव से आगे आना होगा। वे मानस के धनुष यज्ञ प्रसंग पर बेवाक व्याख्यान दे रही थी।

उन्होंने प्रसंग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि भगवान श्रीराम जनकपुर में शिव धनुष को तोड़कर राजा जनक के संताप को दूर किया। मानस का यह प्रसंग आज के युवकों के लिए प्रेरणा श्रोत है। निश्चय ही आज के युवकों के प्रयास से समाज में घुन की तरह व्याप्त दहेज-प्रथा खत्म हो जाएगा। इससे लाखो, करोड़ों पिता का दहेज रूपी संताप दूर हो सकता है।

ब्यास अनिल पाठक ‘वाचस्पति’ द्वारा धारा प्रवाह लयबद्ध दर्जनों महिला, पुरुष पाठकी को पाठ करा रहे हैं। वाराणसी के ही मानस मर्मज्ञ राकेश पांडेय ने काग रूपी जयंत की तो अयोध्या से पधारे महंत रामकिशोर शरण ने वीर बजरंग बली की मार्मिक कथा सुनाई।

आयोजन स्थल के समीप यज्ञ मंडप की श्रद्धा -भाव से सैकड़ों महिला, पुरुष, बच्चे, युवक, युवतियां, बुजुर्ग आदि द्वारा परिक्रमा किया गया। पूजन तथा आचार्य मंडली में मुख्य रूप से अनंतलाल पांडेय, गोवर्धन बाबा, उत्तम पांडेय आदि सक्रिय रहे।

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