ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। बोकारो जिला के हद में तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय अनिल कुमार ने दहेज हत्त्या के दोषी पति संतोष रजक को 10 वर्ष, ससुर विसुन रजक और सास कारी देवी को 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
मालूम हो कि, गिरिडीह जिला के हद में बगोदर थाना निवासी राजु रजक ने नावाडीह थाना में बयान दर्ज कराया कि उसकी बहन पुष्पा देवी की शादी नावाडीह थाना के हद में बोदरो निवासी संतोष रजक के साथ 2013 में हुई थी।
शादी के बाद उसकी बहन ससुराल में रहने लगी। ससुराल में उसके पति संतोष रजक, ससुर विसुन रजक और सास कारी देवी के साथ ससुराल वाले दहेज को लेकर हमेशा प्रताड़ित करते थे। कहा गया कि 23 मार्च 2019 को फोन द्वारा जानकारी मिली कि उसकी बहन की तबीयत बहुत खराब है।
सूचना पर जब सूचक अपने बहन के ससुराल बोदरो पहुंचा तो देखा कि घर में कोई आदमी नहीं है। सिर्फ उसकी बहन पलंग पर लेटी हुई है। जब नजदीक जाकर देखा तो पाया कि उसकी बहन पुष्पा मृत पड़ी हुई है।
उसके गले पर लाल और काला रंग का निशान और नाखून का दाग नजर आया। इसलिए उसे पुरा विश्वास है कि उसकी बहन को उसके पति संतोष रजक, ससुर विसुन रजक और सास कारी देवी ने मिलकर मार दिया है।
आरोप पत्र समर्पित होने के बाद मामला स्थानांतरित होकर तेनुघाट व्यवहार न्यायालय के जिला जज द्वितीय अनिल कुमार की अदालत में आया। न्यायालय में उपलब्ध गवाहों के बयान एवं उभय पक्षों के अधिवक्ताओं के बहस सुनने के बाद जिला जज द्वितीय अनिल कुमार ने दहेज हत्या के आरोप में पति संतोष रजक, ससुर विसुन रजक और सास कारी देवी को सिद्ध दोषी पाया।
दोषी पाने के बाद पति संतोष रजक को दहेज हत्या के आरोप में 10 साल की सश्रम कारावास, सास कारी देवी एवं ससुर विसुन रजक को 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सजा सुनाने के बाद तीनों अभियुक्तों को तेनुघाट जेल भेज दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विजय कुमार साहू एवं सूचक पक्ष के अधिवक्ता डीएन तिवारी ने बहस की।
अभियुक्त पक्ष के अधिवक्ता वकील प्रसाद महतो ने बताया कि अदालत के आदेश का मैं सम्मान करता हूं। मगर मेरे मुवक्किल इस आदेश के खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में अपील दायर करेंगे ।
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