सारण के 50 विद्यालयों को मॉडल विद्यालय बनाने का होगा प्रयास-डीएम

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की समीक्षात्मक बैठक

अवध किशोर शर्मा/सारण (बिहार)। सारण जिला समाहरणालय सभागार छपरा में 21 नवंबर को जिलाधिकारी (डीएम) अमन समीर ने शिक्षा विभाग की समीक्षा की।

समीक्षा के क्रम में डीएम ने कहा कि सारण जिले के कुल 50 उच्च विद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किया जायेगा।इसके लिये सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को विद्यालय चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है। इसी तरह जिला के 27 विद्यालयों को पीएमश्री योजना के तहत विकसित करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।

डीएम समीर ने कहा कि जिला के हद में सभी प्रखंडो में दो-दो विद्यालयों सहित कुल 50 उच्च विद्यालयों को चरणबद्ध तरीके से मॉडल विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए प्रयास किया जायेगा। इसके लिये सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को विद्यालय चिन्हित करने को कहा गया है। ज्ञात हो कि, सारण जिला के 27 विद्यालयों को पीएमश्री योजना के तहत विकसित करने के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा गया है।

ई-शिक्षा कोष पर शिक्षकों की उपस्थिति लगभग 95 प्रतिशत की जा रही दर्ज

ई-शिक्षा कोष पर शिक्षकों की उपस्थिति लगभग 95 प्रतिशत दर्ज की जा रही है। कुछ प्राप्त शिकायतों से ज्ञात हुआ है कि कुछ विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक के मोबाईल से लॉग-इन से कई दिन की उपस्थिति दर्ज की जा रही है। जबकि शिक्षकों की उपस्थिति उनके स्वयं के लॉगिन से दर्ज की जानी है। विशेष परिस्थिति में ही प्रधानाध्यापक के लॉगिन से हाजिरी बनाना है। जिलाधिकारी ने ऐसे विद्यालयों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया जहां कई बार प्रधानाध्यापक के लॉगिन से शिक्षकों की हाजिरी बनाई जा रही है। ऐसे प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी जो अपने लॉगिन का दुरुपयोग कर रहे हैं।

जिले में 81 विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए भूमि की आवश्यकता

जिलाधिकारी की बैठक में बताया गया कि जिला में 64 भूमिहीन प्राथमिक विद्यालय हैं, जिनके भवन निर्माण के लिए भूमि की आवश्यकता है। इसके अतिरिक्त असंबद्ध किये गए 17 अन्य विद्यालयों के लिये भी भूमि की जरूरत है। इस प्रकार कुल 81 विद्यालयों के भवन निर्माण के लिए भूमि की उपलब्धता आवश्यक है। जिलाधिकारी ने कहा कि सभी अंचलाधिकारियों के माध्यम से इन विद्यालयों के लिये प्राथमिकता देते हुये भूमि चिन्हित कराई जायेगी।

बैठक में सभी विद्यालयों की भूमि का दाखिल खारिज सुनिश्चित कराने के लिए एक महीने के अंदर संबंधित अंचलाधिकारी के यहां आवेदन कराने का निर्देश दिया गया। सभी टोला सेवकों, तालिमी मरकज़ को प्रत्येक दिन अपने क्षेत्र में कम से कम 25 घरों का भ्रमण कर परिवार में नामांकन योग्य बच्चे तथा वास्तविक में नामांकित बच्चे की सूची वार्ड वार तैयार करने का निर्देश दिया गया।

बैठक में सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में प्रत्येक माह बच्चियों के ड्रीम शेपिंग के लिए समाज में उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं के माध्यम से उत्साहवर्धन के लिए कार्यशाला का आयोजन सुनिश्चित कराने को कहा गया। बैठक में विद्यालय के छात्र कोष में उपलब्ध राशि से विद्यालयों को सुसज्जित करने के लिए कार्रवाई सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया। बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी डीपीओ एवं सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

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